- सिंह ने कहा कि पार्टी ने सिंधिया को सब कुछ दिया और वह राहुल के करीबी थे
- दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया पार्टी छोड़कर जाएंगे
- कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर सीडब्ल्यूसी की होनी है अहम बैठक
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में बयान दिया। सिंह ने कहा कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद लोग कहते थे कि ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कांग्रेस खत्म हो जाएगी लेकिन पार्टी इन क्षेत्रों में मजबूती के साथ उभरकर सामने आई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने सिंधिया को सबकुछ दिया लेकिन वह पार्टी छोड़कर चले गए।
मुझे उम्मीद नहीं थी सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जाएंगे
सिंह ने कहा, 'मैंने कभी भी उम्मीद नहीं की थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जिसे कांग्रेस पार्टी ने सब कुछ दिया और जो राहुल, प्रियंका, सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में से एक और वर्किंग कमेटी के सदस्य थे, वह पार्टी छोड़कर चले जाएंगे। सिंधिया के जाने के बाद लोग ये कहने लगे कि उनके जाने के बाद कांग्रेस ग्वालियर-चंबल संभाग में खत्म हो जाएगी। मैं कहना चाहता हूं कि उनके जाने के बाद कांग्रेस पार्टी इन क्षेत्रों में फिर से उठ खड़ी हुई है।'
सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक
दिग्विजय सिंह का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर फैसला करने के लिए सोमवार को पार्टी कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष के बारे में फैसला कर सकती है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है जबकि कुछ नेता इस पद पर सोनिया गांधी को देखना चाहते हैं। कांग्रेस नेता चाहते हैं कि पार्टी की कमान सोनिया या राहुल के हाथों में रहे।
'राहुल या सोनिया ही संभालें पार्टी की कमान'
कांग्रेस के कई नेताओं ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी जब तक चाहें उन्हें अध्यक्ष बने रहना चाहिए, उनके बाद राहुल गांधी को कमान संभालनी चाहिए, जो पूरी तरह सक्षम हैं। वहीं कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा, 'कर्नाटक में पूरी कांग्रेस सोनिया गांधी और गांधी परिवार के नेतृत्व के साथ खड़ी है। उन्होंने संकट के समय कांग्रेस का नेतृत्व किया और हमारी पार्टी को बचाया। कुछ भी जिस पर चर्चा की जानी चाहिए, उसे पार्टी फोरम में रखा जाना चाहिए और मीडिया में नहीं।'