- डोमिनिका हाईकोर्ट ने फिर से मेहुल चोकसी को जमानत देने से किया इंकार
- इससे पहले भी कोर्ट ने नहीं थी मेहुल को जमानत
- एंटीगुआ से रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हुआ था मेहुल
नई दिल्ली: डोमिनिका हाईकोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। फ्लाइट रिस्क होने की वजह से कोर्ट ने चोकसी को जमानत देने से इंकार कर दिया। शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान चोकसी के वकीलों ने दलील देते हुए कहा कि कैरिकॉम नागरिक होने के नाते चोकसी जमानत का हकदार क्योंकि उसका अपराध भी जमानती है। यहीं नहीं वकीलों ने हमेशा की तरह चोकसी के स्वास्थ्य का भी हवाला दिया।
सरकारी पक्ष ने किया जमानत का विरोध
मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद चोकसी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। चोकसी के स्थानीय वकीलों के दल ने यह याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत के न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई शुरू की।‘डोमिनिका न्यूज ऑनलाइन’ की खबर के मुताबिक सरकारी पक्ष के वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि चोकसी देश छोड़कर भाग सकता है। इससे पहले जज ने मामले पर सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी थी।
रहस्यमयी परिस्थितियों में हुआ था गायब
आपको बता दें कि चोकसी, जो 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में ओंडियन में वांछित है, 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था। इसके बाद कथित तौर पर उसे 26 मई को डोमिनिका में पकड़ा गया था।चोकसी पर डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने का आरोप है। हालांकि, डोमिनिकन हाई कोर्ट ने चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा वांछित मेहुल ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। मेहुल के वकीलों का दावा है कि उसका एंटीगुआ से भारतीय अधिकारियों द्वारा अपहरण कर लिया गया है।