नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी की सुबह अहमदाबाद पहुंचेंगे। ट्रंप की इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका अपने आपसी रिश्ते को एक नया आयाम और ऊंचाई देंगे। ट्रंप की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के एजेंडे में द्विपक्षीय वार्ता और समझौते शामिल हैं। इसके साथ-साथ अनौपचारिक रूप से कुछ ऐसी चीजें भी देखने को मिलेंगी जो दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों की गर्माहट एवं गर्मजोशी से अवगत कराएंगी। ट्रंप का यह भारत दौरा कई मायनों में खास होने वाला है। सबसे बड़ी खास बात यह है कि ट्रंप केवल भारत दौरे पर आ रहे हैं। ट्रंप की इस यात्रा के साथ किसी अन्य देश के दौरा शामिल नहीं है।
भारत के साथ हो सकते हैं अहम रक्षा करार
अपनी भारत यात्रा से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उनकी इस भारत यात्रा के दौरान कई बड़ी कारोबारी डील नहीं होगी लेकिन समझा जाता है कि दोनों देशों के बीच रक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण सौदे एवं करार हो सकते हैं। अभी भारत और अमेरिका के बाच सलाना कारोबार 143 अरब डॉलर के करीब है। उम्मीद है कि ट्रंप की इस यात्रा के दौरान भारत अमेरिका से 2.6 अरब डॉलर के हेलिकॉप्टर सौदे पर मुहर लगा सकता है। भारत अपनी नौसेना के लिए 24 एमएच-6ओआर सीहॉक हेलिकॉप्टर खरीदना चाहता है। खास बात है यह सौदा किसी तीसरे पक्ष के जरिए नहीं बल्कि दो सरकारों के बीच हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान एक एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली सौदे को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। भारत ने इस रक्षा प्रणाली को खरीदने की दिलचस्पी दिखाई है। इस सौदे की लागत 1.87 अबर डॉलर बताई जा रही है। हालांकि, इस सौदे की कीमत में भारत कुछ छूट चाहता है।
ऐसा पहली बार होगा
भारत और अमेरिका कितने प्रगाढ़ हो चुके हैं इस बात का अंदाजा इससे लग सकता है कि ट्रंप वाशिंगटन से सीधे अहमदाबाद और फिर दिल्ली से अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह पहली इस तरह की यात्रा होने जा रही है जब वहां का राष्ट्राध्यक्ष सीधे भारत आएगा। ट्रंप की भारत यात्रा के साथ किसी और देश का दौरा निर्धारित नहीं है। अब तक भारत दौरे पर आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति दक्षिण एशिया के देशों का भी दौरा करते रहे हैं लेकिन ट्रंप की यह यात्रा इस मायने में खास होने जा रही है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप को अपने यहां आने का न्योता दिया था लेकिन उन्होंने अपनी पाकिस्तान यात्रा की मंजूरी नहीं दी। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के नेता का विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का दौरा 'अनोखा एवं विशेष' होगा।
साल 2000 के बाद सभी अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आए
20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका को यह अहसास हो गया कि भारत को नजरंदाज करना उसके लिए अब मुश्किल हो सकता है। इस समय से ही उसने भारत के साथ अपने संबंधों को एक नई पहचान देनी शुरू की। वर्ष 2000 से अमेरिका में जितने भी राष्ट्रपति हुए उन सभी का भारत दौरा हुआ है। साल 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, 2006 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश और साल 2010 एवं 2015 में बराक ओबामा भारत आए। क्लिंटन से 22 साल पहले 1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर भारत यात्रा पर आए थे। उनसे पहले रिचर्ड निक्सन 1969 और डेविट डी एजनऑवर ने 1959 में भारत का दौरा किया।
भारत की ताकत की अब अनदेखी नहीं कर सकती दुनिया
पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका के आपसी संबंध नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं। दोनों देशों के बीच रिश्तों में इतनी गर्मजोशी शायद इससे पहले कभी नहीं देखी गई है। भारतीय हितों को सुरक्षित करने के लिए अमेरिका हमेशा आगे आया है। साथ ही बीते दो दशकों में भारत की तरक्की एवं ताकत ने अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए एक तरह से बाध्य किया है। दुनिया के मंचों पर भारत की अब अनदेखी नहीं की जा सकती। जलवायु परिवर्तन से लेकर, अर्थव्यवस्था एवं आतंकवाद पर भारत की बात अब गौर से सुनी जाती है। वैश्विक पटल पर भारत के मजबूत कदम की चाप दुनिया सुन रही है।