नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए 44-दिवसीय धन जुटाने का अभियान शनिवार को समाप्त हो गया। इस पहल से जुड़े ट्रस्ट ने कहा कि उन्होंने 2,100 करोड़ रुपए से अधिक का संग्रह कर लिया है। 15 जनवरी को क्राउडफंडिंग अभियान की शुरुआत से पहले, ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर के निर्माण के लिए 1,100 करोड़ रुपए एकत्रित करने का अनुमान लगाया था, लेकिन ट्रस्ट को अनुमान से 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिली।
मंदिर के निर्माण की लागत 300-400 करोड़ रुपए आंकी गई
श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष, गोविंद देव गिरि ने संवाददाताओं से कहा, 'धन जुटाने का अभियान भारत के दूर-दराज के गांवों के निवासियों सहित सभी धार्मिक वर्गो के उदार योगदानकर्ताओं के उदार योगदान के साथ समाप्त हो गया है। शनिवार शाम तक दान में मिली राशि 2,100 करोड़ रुपये को पार कर गई।' गिरि ने पिछले साल दिसंबर में राम जन्मभूमि पर पूरे परिसर के निर्माण के लिए 1,100 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था, जबकि मंदिर के निर्माण की लागत 300-400 करोड़ रुपए आंकी थी।
अयोध्या के साधुओं ने अब मंदिर ट्रस्ट को अयोध्या के विकास के लिए अधिशेष धन का उपयोग करने की सलाह दी है और करोड़ों राम भक्तों द्वारा दान किए गए धन के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी है। हालांकि, ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, 'मंदिर परिसर के निर्माण का बजट अंतिम नहीं है और यह निर्माण पूरा होने के बाद ही पता चलेगा।'
करोड़ों भारतीयों ने धन का दान किया
तपस्वी छावनी के स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा, 'ट्रस्ट को माता सीता के नाम पर अयोध्या में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने और मंदिर शहर में दूध की मुफ्त आपूर्ति के लिए एक गौशाला स्थापित करने के लिए अतिरिक्त धन का उपयोग करना चाहिए।' निमोर्ही अखाड़े के महंत धनेन्द्र दास ने कहा, 'भगवान राम के नाम पर करोड़ों भारतीयों ने धन का दान किया है और अतिरिक्त धन का उपयोग अयोध्या और उसके मंदिरों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।' हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी, महंत राजू दास ने कहा कि धन का इस्तेमाल अयोध्या में पुराने मंदिरों को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा सकता है।