- देश में रविवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले एक लाख को पार कर गए
- कोरोना के बढ़ते मामलों पर सरकार चिंतित, प्रधानमंत्री मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक
- कोविड-19 के केस बढ़ने के पीछे कोई एक कारण नहीं बता रहे स्वास्थ्य विशेषज्ञ
नई दिल्ली : देश में कोरोना के फैले एक साल से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन इसके संक्रमण पर रोक नहीं लग पाई है। संक्रमण के नए मामलों में एक बार कमी आने के बाद देश भर में सामने आ रहे नए केस ने सरकार की चिताएं बढ़ा दी हैं। कोरोना की स्थिति खतरनाक होती जा रही है। कोरोना के नए मामलों ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रविवार को देश में कोराना संक्रमण के नए मामले एक लाख के आंकड़े को पार कर गए। देश के कोविड-19 की गिरफ्त में आने के बाद यह एक दिन का सबसे ज्यादा केस है। एक दिन के संक्रमण के मामले में भारत अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा देश बन गया है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।
केस बढ़ने की पीछे कोई एक वजह नहीं
सितंबर-अक्टूबर के बाद से फरवरी तक देश में कोरोना के नए मामलों में कमी पाई गई लेकिन मार्च से संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा होना शुरू हुआ। कोरोना की वैक्सीन आ जाने के बाद उम्मीद जताई गई कि संक्रमण पर रोक लगेगा लेकिन बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को हैरानी में डाल दिया है। देश में कोविड-19 के केस में हो रही इस वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलग-अलग कारण बता रहे हैं। लेकिन एक बात पर सभी सहमत हैं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल को लोग गंभीरता के साथ नहीं ले रहे हैं।
संक्रमण के पीछे कोरोना का 'डबल म्यूटेंट'
महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली सहित कई राज्यों में कोरोना का 'डबल म्यूटेंट' सामने आया है। इसके अलावा कोरोना के यूके वैरिएंट, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वैरिएंट भी देश में मिले हैं। पंजाब में यूके वैरिएंट से काफी लोग संक्रमित हुए हैं। कोरोना के 'डबल म्यूटेंट' से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य महाराष्ट्र है। इस 'डबल म्यूटेंट' का पहला केस दिसंबर में नागपुर में मिला था। तब से वैज्ञानिक इस नए प्रकार पर लगातार जिनोम सिक्वेंसिंग करते आ रहे हैं।
क्या होता है 'डबल म्यूटेंट'
आसान भाषा में समझें तो 'डबल म्यूटेशन' का मतलब होता है व्यक्तिक के एक ही वायरस के दो अलग-अलग प्रकार से संक्रमित हो जाना। वायरस के दो स्ट्रेन जब मिलकर एक नया स्ट्रेन बना लेते हैं तो उसे 'डबल म्यूटेंट' कहा जाता है। भारत में जो 'डबल म्यूटेंट' मिला है उसका एक स्ट्रेन अमेरिका
के कैलिफोर्निया का है और दूसरा देश में मिलने वाला स्ट्रेन है। अमेरिका और भारत के स्ट्रेन के मिल जाने से कोरोना का 'डबल म्यूटेंट' पैदा हो गया है। इस नए डबल म्यूटेशन के खिलाफ वैक्सीन ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाती साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इसके आगे कमजोर हो जाती है। 'डबल म्यूटेंट' शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बचकर संक्रमण फैलाता है।
वायरस अभी गया नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस अभी गया नहीं है। वह हमारे आस-पास मौजूद है। वैक्सीन आने के बाद लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। वे दो गज की दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों ने मास्क से दूरी बना ली है। स्वास्थ्य के जानकार संक्रमण फैलने के पीछे की एक बड़ी वजह कोविड-19 प्रोकोकॉल का सख्ती से पालन न होना भी मान रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना के प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करने की जरूरत है।