मंगलवार की दोपहर को विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा के नाम का ऐलान कर दिया तो संभावना जताई जा रही थी कि एनडीए यानी सत्ता पक्ष की भी तरफ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान हो सकता है। रात 9 बजे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रेस कांफ्रेस के जरिए बताया कि एनडीए का क्या मत था। उनके मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति बनी होती तो परंपरा के मुताबिक रहा होता। लेकिन विपक्ष द्वारा उम्मीदवार घोषित किए जाने के पास सत्ता पक्ष के सामने कोई दूसरा चारा नहीं था। एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के नाम के ऐलान से पहले उन्होंने बताया कि कुल 20 नाम आए थे। काफी सोच विचार के बाद यह पाया गया कि भारत के पूर्वी इलाके से उम्मीदवार होना चाहिए। किसी महिला को मौका मिलना चाहिए और महिला में भी उसे मौका मिले जो आदिवासी समाज से आती हो। इस तरह का क्राइटएरिया पर जो सबसे बेहतर उम्मीदवार लगीं उस नाम पर मुहर लगाई गई और वो नाम है द्रोपदी मुर्मू का। एनडीए की तरफ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होते ही यह साफ हो गया कि 18 जुलाई को सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने होंगे।
द्रोपदी मुर्मू के बारे में अनसुनी बातें
- द्रोपदी मुर्मू के प्रारंभिक शिक्षा के बारे में जानकारी नहीं
- मुर्मू ने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक प्रोफेसर के रूप में और फिर ओडिशा के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया।
- शादी के कुछ वर्षों के बाद पति की मौत हो गई थी।
- बाद में दो बेटों की भी असामयिक मौत हुई।
- 1997 में भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया।
- ओडिशा विधान सभा ने उन्हें वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए "नीलकंठ पुरस्कार" से सम्मानित किया।
- 2013 में मयूरभंज जिले के लिए पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के लिए पदोन्नत किया गया था।
- मई 2015 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में चुना।