- DRDO ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया
- मिसाइल ने तीन किलोमीटर दूर टारगेट पर सटीक तरीके से वार कर अपनी क्षमता जाहिर की
- रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि पर DRDO की पूरी टीम को बधाई दी है
चीन से सीमा पर बढ़ते तनाव और पड़ोसी देश पाक की ना-पाक हरकतों के बीच भारतीय सेना को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जी हां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक बेहतरीन कामयाबी हासिल की है,DRDO ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Laser-Guided Anti Tank Guided Missile) का सफल परीक्षण कर लिया है।
बताया जा रहा है कि मिसाइल ने तीन किलोमीटर दूर टारगेट पर सटीक तरीके से वार कर अपनी क्षमता जाहिर कर दी है।डीआरडीओ ने अहमदनगर में केके रेंज में एमबीटी अर्जुन टैंक से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि पर DRDO की पूरी टीम को बधाई दी है, राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, अहमदनगर में केके रेंज (एसीसी एंड एस) में एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया...
ATGM को कई प्लैटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल मॉडर्न टैंक्स से लेकर भविष्य के Tanks को भी नेस्तनाबूद करने में सक्षम बताई जा रही है वहीं एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के माध्यम से कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्टर्स को भी ढेर किया जा सकता है।
भारत ने एबीएचवाईएएस का सफल परीक्षण किया था
इससे एक दिन पहले यानि मंगलवार को ओडिशा के एक परीक्षण केन्द्र से एबीएचवाईएएस- हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफल उड़ान परीक्षण किया था। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने यहां पास में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से किया। सूत्रों ने बताया कि इस पर विभिन्न राडारों और इलेक्ट्रो-आप्टिक प्रणालियों से नजर रखी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा था कि एबीएचवाईएएस का इस्तेमाल मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के वास्ते एक लक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है।
डीआरडीओ सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को परीक्षण के दौरान दो प्रदर्शक यानों की सफलतापूर्वक परीक्षण उड़ान संचालित की गई। एबीएचवाईएएस को डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल डेवलप्मेंट इस्टैब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा डिजाइन एवं विकसित किया गया है। वायु यान को दो ‘अंडरस्लैंग बूस्टर’ का इस्तेमाल करते हुए उड़ाया गया। यह एक छोटे गैस टर्बाइन इंजन द्वारा चालित है और इसमें एक इनर्शियल नेवीगेशन सिस्टम (आईएनएस) और मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए एक फ्लाइट कंट्रोल कम्प्युटर (एफसीसी) है। इस यान को पूरी तरह से स्वचालित उड़ान के लिए प्रोग्राम किया गया है।