- डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाने की इजाजत दी
- एसआईआई इस समय कोविशील्ड का उत्पादन कर रहा है।
- अमेरिका ने भी कोविड वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर बैन हटाया
नई दिल्ली। वैक्सीनेशन के संबंध में ताजा आंकडो़ं के मुताबिक 22 करोड़ 75 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है जिसमें 33 लाख लोगों को शुक्रवार को वैक्सीनेशन हुआ है। इसमें से 2 करोड़ 59 लाख लोग 18 से 44 एज ग्रुप में है। धीमी गति से टीकाकरण के आरोपों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन की समीक्षा की और कहा कि अभी भी वैक्सीन बड़ी संख्या में बर्बाद हो रही है। हमें किसी भी तरह वैक्सीन की बर्बादी को रोकना होगा। इन सबके बीच डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यट ऑफ इंडिया को स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाने की इजाजत दी है।
समीक्षा के बीच एसआईआई को स्पूतनिक वी बनाने की इजाजत
पीएम मोदी को यह भी जानकारी दी गई कि वैक्सीनेशन के संबंध में लोगों को जागरुक किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज किए जाने वाले कदमों के बारे में भी जानकारी दी गई। खासतौर से वैक्सीन उत्पादन के बारे में बताया गया कि वैक्सीन मैन्यूफैक्चर कंपनियां उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को हडपसर में अपनी लाइसेंस प्राप्त सुविधा पर परीक्षण परीक्षण और विश्लेषण के लिए SPUTNIK V के निर्माण की अनुमति दी।
अमेरिका ने भी कच्चे माल के निर्यात पर बैन हटाया
इन सबके बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया क्योंकि जो बिडेन प्रशासन ने कोविड -19 वैक्सीन के निर्माण पर प्रतिबंध हटाते हुए कहा कि इस कदम से देश के वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पूनावाला ने कहा कि इस नीति परिवर्तन से विश्व स्तर पर और भारत को कच्चे माल की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है। इस कदम से देश की वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और यह कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ एकजुट लड़ाई को भी मजबूत करेगा।उनकी टिप्पणी अमेरिकी सरकार द्वारा घोषणा के बाद आई है कि वह सहयोगियों और भागीदारों के साथ टीकों और कच्चे माल के उत्पादन का विस्तार करने के लिए काम कर रही है।