- पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पर रार, सीएम ममता बनर्जी को देनी पड़ी सफाई
- सोशल मीडिया पर दुर्गा पूजा को अनुमति न मिलने की जानकारी सामने आई
- पश्चिम बंगाल पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और दुर्गापूजा एक दूसरे के पूरक हैं। यूं कहें तो हर एक बंगाल में रहने वाले हर एक शख्स का दुर्गापूजा में अगाध श्रद्धा है। लेकिन एक ऐसी खबर पूरे बंगाल में फैली जिसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ साथ राज्य की सीएम ममता बनर्जी को उतरना पड़ा। ममता बनर्जी ने यहां तक कहा कि अगर उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप साबित हो गए तो 100 बार उठक बैठक लगाएंगी। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर ममता बनर्जी पर आरोप क्या लगा है।
दुर्गा पूजा के संबंध में अफवाह
दरअसल सोशल मीडिया पर प्रचारित होने लगा कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए दुर्गापूजा की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद विरोध के सुर सुनाई पड़ने लगे। राज्य बीजेपी ने इसकी मुखालफत की। लेकिन राज्य सरकार ने भी साफ कर दिया कि इस तरह का आदेश नहीं दिया गया है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस तरह के सर्कुलर को जाली करार दिया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की गुजारिश की।
बीजेपी पर टीएमसी ने लगाया आरोप
टीएमसी का कहना है कि दरअसल यह सबकुछ बीजेपी का किया धरा है। बीजेपी के पास ममता बनर्जी के खिलाफ कहने के लिए कुछ बचा नहीं है। इसके साथ ही जिस तरह की गंदी राजनीति वो करते रहे हैं उसे पश्चिम बंगाल की जनता समझ चुकी है। सभी लोगों ने देखा और सुना है कि जब दुर्गा पूजा का अवसर आता है बीजेपी की तरफ से इस तरह की राजनीति की जाती है। दुर्गा पूजा रोके जाने के संबंध में किसी तरह का आदेश नहीं जारी किया गया है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई है लेकिन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।