नई दिल्ली: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आज 33 साल के हो गए हैं। वह जननायक जनता पार्टी (JJP) के अध्यक्ष और सह-संस्थापक हैं। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। इस सरकार में 31 साल के दुष्यंत उपमुख्यमंत्री बने। वर्तमान में वो किसानों के निशाने पर हैं। दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। इन्हीं कानूनों को लेकर बीजेपी के साथ बने रहने के लिए चौटाला किसानों के निशाने पर हैं।
पिछले साल दिसंबर के महीने में जींद के उचाना क्षेत्र के कई खाप नेताओं ने दुष्यंत चौटाला का 'सामाजिक बहिष्कार' करने की घोषणा की। दुष्यंत उचाना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, जो हिसार संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। एक खाप नेता ने कहा, 'हमने सर्वसम्मति से भाजपा सरकार का समर्थन करने वाले बांगर (जींद में क्षेत्र) के सभी नेताओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। अगर वे हमारे क्षेत्र में आते हैं तो हम उन्हें काले झंडे दिखाएंगे।'
किसानों ने प्रदर्शन किया
इसके अलावा इस महीने की 1 तारीख को उन्हें किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। वह हिसार पहुंचे हुए थे, लेकिन किसानों ने एयरपोर्ट से निकलने का रास्ता रोक दिया। इसके बाद उन्होंने 6 किलोमीटर की दूरी भी हेलिकॉप्टर से तय की और वो हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचे। उन्हें अपने कुछ कार्यक्रम रद्द करने पड़े और वो अपने घर भी नहीं जा पाए। तय कार्यक्रम के अनुसार डिप्टी सीएम को एयरपोर्ट से सड़क के रास्ते ही जाना था, लेकिन किसानों के प्रदर्शन के चलते वह काफी देर तक वहीं रहे।
ऐसा है राजनीतिक करियर
2014 के लोकसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला हरियाणा जनहित कांग्रेस (BL) के कुलदीप बिश्नोई को 31,847 मतों के अंतर से हराकर संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य चुने गए, जिसके लिए उन्होंने 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में नाम दर्ज कराया। परिवार में मतभेद के कारण इंडियन नेशनल लोकदल से उनका निष्कासन हो गया था, जिसके बाद 9 दिसंबर 2018 को दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) लॉन्च की। 2019 विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन सराहनीय रहा और जेजेपी ने 10 सीटें जीतीं। चुनाव बाद उन्होंने बीजेपी से गठबंधन कर लिया और जेजेपी सरकार में शामिल हो गई।
किसानों के आंदोलन के दौरान उन पर काफी दबाव रहा कि वो बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लें। उनकी पार्टी से भी इस तरह की आवाजें उठीं, लेकिन दुष्यंत सरकार के साथ खड़े हुए हैं।