नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद लोग डरकर घरों से बाहर निकल गए। भूकंंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 मापी गई है। जम्मू कश्मीर के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए हैं।
भारत में जम्मू कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भी झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 रही, जिसे नुकसान करने वाला माना जाता है। फिलहाल भूकंप से जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
इससे पहले 1 जनवरी को भी भूकंप के झटके कश्मीर में महसूस किए गए थे। तब भी इसका केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान बॉर्डर पर था और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.1 मापी गई थी।
कश्मीर में 2005 में भूकंप ने मचाई थी व्यापक तबाही
यहां गौर हो कि जम्मू कश्मीर में साल 2005 में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने जान गंवाई थी और संपत्ति का भी व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ था। इसकी जद में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अफगानिस्तान के कुछ हिस्से भी आए थे। 8 अक्टूबर, 2005 को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.6 मापी गई थी, जो तबाही मचाने वाला होता है।
अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान में भूकंप, जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए झटके
लगभग डेढ़ दशक पहले आए उस विनाशकारी भूकंप का खौफ आज भी कश्मीर घाटी में रह रहे लोगों को दहला देता है। कम तीव्रता के भूकंप के झटके भी उन्हें उस भीषण त्रासदी की याद दिला देते हैं, जिसमें न जाने कितने परिवारों ने अपनों को खो दिया।
डेंजर जोन-4 में है दिल्ली
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो इसके कई इलाकों को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील घोषित किया गया है। दिल्ली को डेंजर जोन-4 में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि यहां रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है। दिल्ली में यमुना नदी के आसपास के इलाकों, उत्तरी दिल्ली के कुछ इलाकों और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के कुछ हिस्सों को भूंकप की दृष्टि से सबसे संवेदनशील बताया जाता है। इस लिहाज से पूर्वी दिल्ली में शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर जैसे इलाके भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील हैं।