- देश के अन्य हिस्सोंं के मुकाबले दिल्ली में अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं
- भारत में भूकंप जोन मैप को सिस्मिक जोन के आधार पर चार भागों में बांटा गया है
- जोन 5 भूकंप के लिहाज से ज्यादा खतरनाक, जोन 2 में सबसे कम खतरा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके से लोग हिल गए। वैसे तो भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था। लेकिन उसका असर दिल्ली और एनसीआर में भी महसूस किया गया। देश के अन्य बाकी हिस्सों की तुलना में दिल्ली में ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में हाई रिस्क सिस्मिक जोन है इसलिए यहां ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
बढ़ती आबादी और एनसीआर में तेजी से बनते उंची इमारतों के कारण दिल्ली एनसीआर भूकंप की दृष्टि से और भी खतरे के घेरे में आ गया है। दिल्ली 295 सालों से भूकंप का एपिसेंटर रहा है। पास में ही हिमालय पर्वत होने के कारण यहां पर कई बार उच्च तीव्रता वाले भूकंप के झटके भी महसूस किे जा चुके हैं।
भारत में Eathquake Zone
भारत में भूकंप जोन मैप को सिस्मिक जोन के आधार पर चार भागों में बांटा गया है। जोन 2,3,4 और 5 इसमें जोन 5 को सबसे ज्यादा भूकंप के लिे अनुकूल बताया गया है जबकि जोन 2 सबसे कम भूकंप आता है।
जोन 5
सबसे ज्यादा भूकंप का खतरा भारत के जिन क्षेत्रों में है उन्हें जोन 5 कहा जाता है। एरिया के स्ट्रक्चर के आधार को इलाके को भूकंप की दृष्टि से खतरनाक और कम खतरनाक जोन में विभाजित किया जाता है। इसमें कश्मीर, वेस्टर्न और सेंट्रल हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व भारतीय भूभाग. कच्छ का रण और अंदमान और निकोबार समूह आते हैं।
जोन 4
इस जोन के अंतर्गत जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, उत्तरी पंजाब, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी बंगाल, सुंदरबन। महाराष्ट्र का लातूर और पाटन एरिया भी जोन 4 में आते हैं। इसके अलावा बिहार का रक्सौल जो भारत नेपाल की सीमा पर है यह भी जोन 4 में आता है।
जोन 3
इस जोन में भूकंप का कम खतरा होता है इसी प्रकार जोन 2 में भी भूकंप का सबसे कम खतरा होता है।
दिल्ली में भूकंप के खतरे वाला एरिया
दिल्ली तीन सबसे एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइंस पर स्थित है इसमें सोहना फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन। इसके अलावा गुरुग्राम भी सात सबसे एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइन पर स्थित है जो दिल्ली के अलावा एनसीआर को भी सबसे खतरनाक एरिया बनाता है। अगर इनमें से कोई भी लाइन एक्टिव होता है तो इससे 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आने की आशंका है।
सबसे कम खतरे वाला एरिया
जेएनयू, एम्स, छतरपुर और नारायणा जैसे एरिया कम खतरे वाले इलाके हैं यहां भूकंप का ज्यादा खतरा नहीं बताया जाता है। इसके अलावा लुटियंस दिल्ली, मंत्रालय संसद और वीआईपी इलाके भी हाई रिस्क जोन में आते हैं लेकिन यमुना के अंतर्गत आने वाले इलाकों जैसे खतरनाक नहीं हैं।