नई दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से कड़ी फटकार लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग की नींद खुली है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि चुनाव रिजल्ट के दिन या उसके बाद राजनीतिक दलों की ओर से विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा। बता दें कि दो मई को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। अब ईसी के इस आदेश के बाद राजनीतिक दल जश्न मनाते हुए जुलूस नहीं निकाल पाएंगे। देश में कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव आयोग का यह फैसला काफी अहम है।
कोरोना की दूसरी लहर के लिए ईसी को जिम्मेदार ठहराया
सोमवार को हाई कोर्ट ने ईसी की कड़ी आलोचना करते हुए देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए उसे 'अकेले' जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है। कोर्न ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ईसी ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर महामारी को फैलने के मौका दिया।
अन्नाद्रमुक उम्मीदवार की अर्जी पर की सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी तथा न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में करूर से अन्नाद्रमुक उम्मीदवार एवं राज्य के परिवहन मंत्री एम आर विजयभास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
तो रोक देंगे 2 मई की मतगड़ना-कोर्ट
कोर्ट ने ईसी को आगाह करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह दो मई को होने वाली मतगणना को रोकने से पीछे नहीं हटेगा। साथ ही कोर्ट ने ईसी को काउंटिंग के दिन अपनाए जाने वाले कोविड-19 प्रोटोकॉल से संबंधित ब्लूप्रिंट के बारे में 30 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।