लाइव टीवी

Delhi: जब ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे लोग, तब कालरा ने की थी 7000 कंसंट्रेटरों की कालाबाजारी

Navneet Kalra aides dealt in 7,000 oxygen concentrators
Updated May 22, 2021 | 08:58 IST

कारोबारी नवनीत कालरा को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जब दिल्ली में लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे उसी दौरान नवनीत कालरा ने 7 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटरों की कालाबाजारी की थी।

Loading ...
Navneet Kalra aides dealt in 7,000 oxygen concentratorsNavneet Kalra aides dealt in 7,000 oxygen concentrators
तस्वीर साभार:&nbspPTI
पुलिस हिरासत में नवनीत कालरा

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी नवनीत कालरा और उनके कुछ सहयोगियों के दिल्ली-एनसीआर में कई परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की। ऑक्सीजन कंसट्रेटर की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी के मामले में धन शोधन की जांच के तहत यह कार्रवाई की गयी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को पता चला है कि कारोबारी कालरा और उसके सहयोगियों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 7,000 ऑक्सीजन कंसट्रेटर का कारोबार किया। वहीं, दिल्ली में कालरा के परिसरों से शराब की 151 बोतलें भी बरामद की गयी।

महामारी के दौरान ब्लैक में बेचे सात हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटर
सूत्रों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कालरा और उसके परिवार, मैट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज के निदेशक गगन दुग्गल, दिल्ली और गुरुग्राम में खान चाचा, टाउन हॉल और नेगा एंड जू जैसे रेस्तरां के 13 परिसरों में छापेमारी की गयी। ईडी के सूत्रों ने बताया कि संदेह है कि कालरा और उसके सहयोगियों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान 7,000 ऑक्सीजन कंसट्रेटर का कारोबार किया और इसकी छानबीन की जा रही है कि कितने ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों की खरीदारी हुई और कितने की बिक्री हुई।

15 हजार का कंसट्रेटर 70 हजार में बेचा
ईडी के सूत्रों ने दावा किया कि कालरा और उसके सहयोगी ने पिछले एक महीने में चीन से 7,000 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसट्रेटर का आयात किया और ऑक्सीजन कंसट्रेटर के जर्मन प्रौद्योगिकी से बने होने का दावा करते हुए महंगी कीमतों पर लोगों को इसकी बिक्री की। सूत्रों ने दावा किया कि आयात में एक ऑक्सीजन कंसट्रेटर की कीमत 15,000 रुपये आयी थी लेकिन उन्होंने प्रति कंसट्रेटर 69,999 रुपये के हिसाब से बिक्री की। उन्होंने कहा कि दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में कालरा और उनके परिवार के मंडी रोड परिसर में स्कॉच व्हिस्की की 151 बोतलें बरामद की गयी। एजेंसी के अधिकारियों ने कालरा के बैंक खातों की भी जांच की।

ईडी जांच में जुटी

ईडी ने हाल ही में कालरा और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसके लिए ईडी ने पांच मई को दर्ज दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लिया था जब कुछ पुलिसकर्मियों ने कालरा के स्वामित्व वाले एवं उससे जुड़े कुछ परिसरों एवं रेस्तरां में छापे मारे थे। पुलिस ने इन परिसरों से 524 से अधिक जीवनरक्षक मशीनें जब्त कर आरोप लगाया था कि इनकी जमाखोरी की गई और इन्हें काला बाजार में बेचा जा रहा था।
कालरा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि इन ऑक्सीजन कंसट्रेटर को नियमित बिक्री के लिए रखा गया था। दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को कालरा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

ऐसे करते थे कालाबाजारी

मैट्रिक्स सेलुलर ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों से बहुत दुख हुआ है कि वे ऑक्सीजन कंसट्रेटर की जमाखोरी और कालाबाजारी में संलिप्त थे। मैट्रिक्स के कर्मी सभी कानूनों का पालन करते हुए इन ऑक्सीजन कंसट्रेटर को जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने के काम में जुटे हुए थे। बयान में कहा गया, ‘‘मैट्रिक्स आधारहीन आरोपों और ‘दिशाहीन जांच’ के खिलाफ मजबूती से अपनी दलीलें रखेगी और दिल्ली की मदद के लिए हमें जो करना चाहिए हम उसमें जुट जाएंगे।’’ अधिकारियों ने इससे पहले पीटीआई-भाषा को बताया कि एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि क्या ऑक्सीजन कंसट्रेटर अवैध रूप से जमा किए गए थे और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिवारों या उनके तीमारदारों को बहुत ज्यादा कीमतों पर बेचे गए थे जो पीएमएलए के तहत परिभाषित ‘‘अपराध से प्राप्त सामग्रियों’’ के दायरे में आएगा।

रेस्तरां से बरामद हुए थे ऑक्सजिन कंसट्रेटर
प्रवर्तन निदेशालय को आरोपी से पूछताछ और बयान रिकॉर्ड करने की शक्ति प्राप्त होती है और वह जांच के दौरान उनकी संपत्ति भी कुर्क कर सकता है। इसके बाद वह विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप-पत्र दायर कर सकता है और धनशोधन रोधी कानून के तहत अपना अभियोजन चलाने का अनुरोध कर सकता है। कालरा को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के कर्मियों ने गुरुग्राम से रविवार रात को पकड़ा था और अगले दिन औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था। खान चाचा, टाउन हॉल और नेगा एंड जू जैसे अपने रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन कंसट्रेटर की जब्ती के बाद से कालरा फरार था।

विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज है केस

पुलिस ने कहा था कि कालरा के रेस्तरां से जब्त ऑक्सीजन कंसट्रेटर चीन से आयातित थे और उन्हें 16 हजार से 22 हजार रुपये के बजाय 50 हजार से 60 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था। ऑक्सजिन कंसट्रेटर कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है। पुलिस ने कालरा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (समान मंशा) के तहत तथा आवश्यक सामग्री अधिनियम और महामारी रोग कानून के तहत आरोप लगाए हैं। पुलिस ने इस मामले में मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के सीईओ और उपाध्यक्ष समेत चार कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि, अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। कालरा पर मैट्रिक्स सेलुलर से ऑक्सीजन कंसट्रेटर  खरीदने का आरोप है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।