- बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम सामने आया है
- प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ को गिरफ्तार किया है, उन्हें ओडिशा एम्स ले जाया गया है
- पार्थ चटर्जी की संलिप्तता सामने आने के बाद टीएमसी पर हमलावर हो गई है भाजपा
Parth Chaterjee : बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। घोटाले की जांच में जुटे प्रवर्तन निदेशालय को टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी के घर से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में कुछ रजिस्ट्री के कागजात मिले हैं। इनमें पांच दस्तावेज इंवेस्टमेंट डील के हैं। डील में अर्पिता मुखर्जी को डायरेक्टर बताया गया है। ये दस्तावेज इशारा करते हैं कि पार्थ ने अर्पिता के नाम पर निवेश किया था। अर्पिता के संबंधों पर पार्थ चटर्जी के वकीलों का कहना है कि दोनों केवल दोस्त हैं लेकिन ये दस्तावेज सामने आने के बाद इस बात का साफ संकेत मिलता है कि पार्थ और अर्पिता केवल दोस्त ही नहीं उनके बीच कारोबारी रिश्ते भी हैं।
पार्थ चटर्जी से टीएमसी ने बनाई दूरी
घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी की भूमिका सामने आने के बाद टीएमसी ने भी उनसे दूरी बना ली है। टीएमसी का कोई नेता उनका बचाव करने के लिए सामने नहीं आया है। वहीं, इस पूरे मामले में भाजपा हमलावर हो गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि यह हिमखंड का अभी छोटा हिस्सा है। ईडी के अधिकारी सोमवार को चटर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एक ‘एयर एम्बुलेंस’ के जरिए सोमवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर लेकर गए। कथित घोटाले को लेकर ईडी की जांच के सिलसिले में चटर्जी को गिरफ्तार किया गया है। जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। वर्तमान में वह राज्य के उद्योग एवं संसदीय मामलों के मंत्री हैं।
पूनावाला ने कहा-घोटाले में टीएमसी शामिल
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा इसे घोटाले पर टीएमसी पूरी तरह से घिर चुकी है। इस घोटाले में टीएमसी की संलिप्तता है। टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है। यही वजह है कि टीएमसी के नेता कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।