शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हिंदू हृदय सम्राट वंदनीय बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों के लिए और बालासाहेब की शिवसेना को बचाने के लिए हम मर भी जाएं तो हम इसे अपनी नियति मानेंगे। एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषी दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया, मरना ही बेहतर है।
इससे पहले शनिवार को शिंदे ने ट्वीट किया कि प्रिय शिवसैनिकों, अच्छी तरह से समझें, एमवीए के खेल को पहचानो..! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को एमवीए के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के लाभ के लिए समर्पित है....आपका एकनाथ संभाजी शिंदे।
वहीं बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा है कि एक से दो विधायक और आएंगे और हमारे साथ जुड़ेंगे। उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी संख्या 51 हो जाएगी। हम 3-4 दिनों में किसी निर्णय पर पहुंचेंगे जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे। एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए। हम महा विकास अघाड़ी सरकार के साथ नहीं जाएंगे।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री उदय सामंत के रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े में शामिल होने के लिए गुवाहाटी पहुंचने के साथ ही उद्धव ठाकरे खेमे से आदित्य ठाकरे शिवसेना के एकमात्र कैबिनेट मंत्री बचे हैं, जो विधायक हैं, जबकि उनकी पार्टी के शेष तीन कैबिनेट मंत्री विधान परिषद के सदस्य हैं। उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग का नेतृत्व करने वाले सामंत एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने वाले शिवसेना के नौवें मंत्री हैं।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र की लड़ाई, डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ SC पहुंचे एकनाथ शिंदे