- शिंदे गुट ने गुवाहाटी में होटल की बुकिंग दो दिन बढ़ाई
- गुवाहाटी में बागी शिंदे कैंप ने बनाया नया गुट
- बहुमत हमारे साथ, नहीं ठहरा सकते अयोग्य: बागी विधायक
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि वो जो भी कर रहे वो शिवसेना और शिवसैनिकों को महा विकास अघाडी से बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि प्रिय शिवसैनिकों, अच्छी तरह से समझें, एमवीए के खेल को पहचानो..! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को एमवीए के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के लाभ के लिए समर्पित है....आपका एकनाथ संभाजी शिंदे।
इससे पहले उन्होंने एक विधायक का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि जलगांव जिले के परोला विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री चिमनराव अबासाहेब पाटिल की स्पष्ट भूमिका...हम पिछले 30 साल से कांग्रेस के साथ और एनसीपी की स्थापना के बाद से संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस-एनसीपी के साथ हमारा पारंपरिक संघर्ष था और आगे भी रहेगा। वे निर्वाचन क्षेत्रों में हमारे प्राथमिक चुनौती हैं। इस दृष्टि से हम सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धवजी ठाकरे से स्वाभाविक गठबंधन बनाने का अनुरोध किया। लेकिन हमें उनसे कोई मंजूरी नहीं मिली और हमने अपने नेता एकनाथजी शिंदे से स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह किया। महाराष्ट्र के कोने-कोने में सभी शिवसैनिक स्वाभाविक गठबंधन चाहते हैं। इसीलिए इस विचारधारा के लिए इस विद्रोह की भूमिका को पार्टी के दो तिहाई से अधिक विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
महाराष्ट्र में सियासी खींचतान चरम पर है। लड़ाई आर-पार की है। एक तरफ गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे खुलकर बगावत कर रहे हैं, सत्ता और पार्टी पर कब्जे की प्लानिंग कर रहे हैं। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों को सख्त एक्शन की चेतावनी दी है। इस बीच शिंदे गुट ने नई पार्टी बना ली है- नाम दिया है- शिवसेना बाला साहेब ठाकरे। जिसके बाद महाराष्ट्र में किसकी सरकार की लड़ाई किसके बाला साहेब तक पहुंच गई है। गुवाहाटी के पांच सितारा होटल में शिवसैनिक विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने अपना इरादा जाहिर कर दिया और बता दिया कि असली शिवसेना उन्हीं का गुट है। असली शिवसैनिक उनके समर्थन में खड़े विधायक, सांसद, नेता और कार्यकर्ता हैं क्योंकि उद्धव बाला साहेब के हिंदुत्व पथ से भटक गए हैं। विधानसभा में अलग ग्रुप के लिए 37 विधायकों से ज्यादा का समर्थन पहले से ही शिंदे को हासिल है।