- पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ चरणों में चुनाव होगा।
- असम में तीन चरण में चुनाव, तमिलनाडु, केरल, और पुडुचेरी में एक चरण में चुनाव
- सभी पांचों राज्यों में 2 मई को नतीजे आएंगे।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल,असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में और असम में तीन चरण में चुनाव होगा। इसके साथ ही तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक एक चरण में चुनाव संपन्न होगा। सीईसी सुुनील अरोरा ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से पहले के चुनाव में कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है काबिलेतारीफ रही है। सीईसी सुनील अरोड़ा ने कहा कि यह उनकी आखिरी पीसी है क्योंकि 13 अप्रैल को सीईसी के तौर पर उनके कार्यकाल का आखिरी दिन होगा।
चुनावी तारीखों का ऐलान
पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव होगा। पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को होगा। दूसरे चरण का चुनाव 1 अप्रैल को। 6 अप्रैल को तीसरे चरण का चुनाव। चौथे चरण का चुनाव 10 अप्रैल को। 17 अप्रैल को पांचवें चरण का चुनाव। 6वें चरण का तुनाव 22 अप्रैल को। सातवें चरण का चुनाव 26 अप्रैल को। 29 अप्रैल को आठवें चरण का चुनाव संपन्न होगा।
असम में तीन चरणों में चुनाव- 27 मार्च को पहले चरण का मतदान, एक अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान, तीसरे चरण का चुनाव- 6 अप्रैल, 2 मई को मतगणना।
केरल में सभी विधानसभा के लिए एक चरण में 6 अप्रैल को चुनाव होगा और मतगणना की तारीख 2 मई है।
तमिलनाडु में एक चरण में चुनाव, 6 अप्रैल को चुनाव होगा, 2 मई को मतगणना।
पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा।
शांतिपूर्ण मतदान कराना प्राथमिकता
चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन आयोग ने बिहार चुनाव को जिस शानदार अंदाज में संपन्न कराया उसकी देश और दुनिया में तारीफ हुई है। चुनाव आयोग का कहना है कि बंगाल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन मतदाता बिना किसी डर और भय के मतदान प्रक्रिया में शामिल हो सकें इसके लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है।
चुनाव आयोग के प्रेस कांफ्रेंस की खास बातें
- सीसीटीवी की निगरानी में मतदान होगा। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्रों पर मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी।
- सभी राज्यों में स्थानीय पुलिस बल और केंद्रीय बल मिलकर काम करेंगे। उम्मीदवार समेत पांच लोगों को घर घर जाने की इजाजत है।
- सिक्योरिटी मनी आनलाइन जमा की जाएगी। इसके साथ ही मतदान के समय को 1 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है। नामांकन की ऑनलाइन सुविधा होगी।
- बंगाल के लिए दो स्पेशल पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। बंगाल में एक लाख 1 हजार 916 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
- ऐसी खबर थी कि एडवांस टीम केवल WB को भेजी गई थी, हमने स्पष्ट कर दिया था कि यह एक ही समय में सभी पोल बाउंड राज्यों को भेज दी गई थी।
- प्रत्येक राज्यों की स्थिति के आधार पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा डोर टू डोर अभियान रैलियों के लिए जमीन पर निर्णय लिया जाता है।
- पांच प्रदेशों में 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। 18 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे।
- पिछले साल विश्व स्तर पर महामारी के दौरान चुनाव कराने में दुविधा और कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस महामारी के मोटे चुनाव आयोग ने राज्यसभा के लिए जून 2020 को परीक्षण शुरू किया। फिर बिहार चुनाव की चुनौती सामने आई।
- यह वास्तव में ईसीआई का एक वाटरशेड क्षण था। कोरोना काल में बिहार का चुनाव कामयाब रहा। बिहार में 57 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ जो उत्साह बढ़ाने वाला था।
- पांचों प्रदेशों के पोलिंग बूथों का चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दौरा किया। जमीन पर स्थिति की निगरानी के लिए नोडल स्वास्थ्य अधिकारी जमीन पर होंगे।
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चुनाव में नामांकन या चुनाव प्रचार के दौरान बड़ी भीड़ शामिल होती है इसलिए इन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक हैएब्सेंटी मतदाताओं की अवधारणा को वरिष्ठ नागरिकों और आवश्यक सेवा में लोगों के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था
इन राज्यों में चुनाव कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए चुनाव आयोग ने गत बुधवार को अपनी बैठक की थी। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सुरक्षा बलों की तैनाती और चुनाव से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने की।