- यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने कहा- तथ्य जुटाने के लिए कश्मीर आए
- अनुच्छेद 370 को बताया भारत का आंतरिक मामला
- पाकिस्तान को बताया टेरर फंडिंग स्टेट, हिटलर समर्थक होने पर भी दिया जवाब
नई दिल्ली। यूरोपियन यूनियन के 27 सांसदों का एक दल कश्मीर के दौरे पर है। लेकिन उनके दौरे पर भारत के कुछ राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए थे। सांसदों ने उन दलों के नेताओं का जवाब देते हुए कहा कि उनके दौरे पर विवाद करना गलत है। कश्मीर में वो ज्यादातर लोगों से मिले और वो शांति के साथ विकास चाहते हैं। हमारा मकसद सिर्फ कश्मीर के हालात को जानना था। उन्होंने कहा कि कश्मीर में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है जो केंद्र से पैसा जाता है उसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं होता है।
असदुद्दीन ओवैसी के नाजीवाद समर्थक के आरोपों का जवाब देते हुए सांसदों ने कहा कि अगर वो ऐसा होते तो उनके देश की जनता उन्हें नहीं चुनती। सांसदों ने कहा कि वो लोग हिटलर के समर्थक नहीं हैं। कश्मीर आने का मकसद सिर्फ और सिर्फ वहां के लोगों से मिलने का था। स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद वो इस नतीजे पर पहुंचे हैं लोग आतंकवाद से परेशान हो चुके थे और वो खुली हवा में सांस लेना चाहते थे।
एक नजर में यूरोपियन सांसदों ने क्या कहा
- हमारे दौरे को गलत तरीके से पेश किया गया।
- हमारे दौरे पर विवाद खड़ा करना गलत।
- सेना से आतंकवाद पर भी चर्चा हुई।
- हमें राजनीति से लेना देना नहीं।
- आतंक किसी भी देश को तबाह कर सकता है।
- हम नाजीवादी नहीं हैं।
- अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला है।
यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने कहा कि उनका दौरा आधिकारिक नहीं है। उन लोगों के विजिट को अलग नजरिए से देखा जा रहा है जो सही नहीं है। उन लोगों को मकसद सिर्फ और सिर्फ 370 हटने के बाद के हालात का जायजा लेना था। स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद उन लोगों की सोच यह बनी है कि जम्मू-कश्मीर का जितना विकास हो सकता था वो नहीं हुआ और उसका असर देखा भी जा सकता है।
सांसदों ने कहा कि यह पूरी तरह से साफ है कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है जिसे रोकने की जरूरत है। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के नजरिए से वो लोग इत्तेफाक रखते हैं। दुनिया के दूसरे मुल्कों को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग थलग करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो लोग चाहते हैं कि यूरोप के ज्यादा से ज्यादा लोग कश्मीर का दौरा करें और वहां की सही तस्वीर को पेश करें।