कश्मीर की रियल फाइल्स पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। कश्मीरी पंडितों के पलायन के समय जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे फारुख अब्दुल्ला पर 5 बड़े आरोप लगे हैं। ये आरोप उस समय के जम्मू-कश्मीर सूचना विभाग के पूर्व नौकरशाह ने अब्दुल्ला पर लगाए हैं। फारूक रेंजू शाह 1989 में कश्मीर में अफसर थे। पूर्व नौकरशाह फारुख रेंजू शाह के अब्दुल्ला पर आरोप हैं:
- सीएम रहते 15 अगस्त 1989 को तिरंगा जलाया था
- सीएम रहते स्टेडियम से कश्मीरी पंडितों के खिलाफ तकरीर
- सीएम रहते कश्मीरी पंडितों के खिलाफ घाटी में माहौल बनाया
- फारुख अब्दुल्ला के भड़काने से खौफ में थे कश्मीरी पंडित
- सीएम रहते अब्दुल्ला के भड़काने के बाद नरसंहार और पलायन
फारुख रेंजू शाह ने कश्मीरी पंडितों के पलायन को एक बहुत बड़ी साजिश बताया और इसके लिए सीधे-सीधे नेशनल कॉन्फ्रेंस के सबसे बड़े नेता और 7 नवंबर 1986 से लेकर 18 जनवरी 1990 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे फारुख अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराया। फारूक रेंजू शाह ने बताया कि कैसे कश्मीरी पंडितों के खिलाफ साजिश रचकर माहौल बनाया गया। 48 घंटे के भीतक कश्मीरी पंडितों के पलायन न करने पर गोली मारने की खबरें छापी गई। उस समय के मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को तकरीर दी कि आपके घरों को जलाया जाएगा।
कौन हैं फारूक अब्दुल्ला पर आरोप लगाने वाले फारुख रेंजू शाह
- फारुख रेंजू शाह जम्मू-कश्मीर के पूर्व नौकरशाह हैं
- साल 1985 में सूचना विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर थे
- 2002 में सूचना विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर बने
- 2005 में जम्मू-कश्मीर सूचना विभाग के डायरेक्टर रहे
- 2007 में बडगाम के डीएम थे और 2014 में सेवा से रिटायर हुए
फारुख रेंजू का आरोप है कि कश्मीरी पंडितों के खिलाफ घाटी में माहौल सबसे पहले किसी नेता ने बनाया तो वो फारुख अब्दुल्ला ही थे। और वो भी बतौर सीएम फारुख अब्दुल्ला ने ये साजिश रची।