- मनीष तिवारी ने 10 फ्लैश पॉइंट्स; 20 ईयर्स- नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन्स दैट इम्पैक्टेड इंडिया किताब लिखी है
- यूपीए सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं
- इस समय मनीष तिवारी को जी-23 का करीबी माना जाता है।
मनीष तिवारी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वो कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व से कई मुद्दों पर इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्हें कांग्रेस के उन नेताओं के करीब देखा जाता है जिन्हें आमतौर पर जी-23 की संज्ञा दी गई है। मनीष तिवारी की हाल ही में 10 फ्लैश पॉइंट्स; 20 ईयर्स- नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन्स दैट इम्पैक्टेड इंडिया का विमोचन हुआ जिसमें उन्होंने कई ऐसे प्रसंगों का जिक्र किया है जिसके बाद यूपीए-2 के कार्यकाल पर रोशनी डाली गई है। खास तौर से जब वो मुंबई हमलों और सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हैं तो यह मानते हैं कि सरकार को जितनी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए थी वो नहीं हुई। इसके अलावा उन्होंने एनडीए सरकार को भी घेरने की कोशिश की है। इन्हीं सब मुद्दों पर सवाल पब्लिक का शो में उन्होंने टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर एवं टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविक कुमार के साथ खास बातचीत की।
सवाल उठे तो दी सफाई
मनीष तिवारी ने कहा था कि अगर आप पैराग्राफ को पढ़ें तो यूपीए सरकार सुरक्षा को लेकर कमजोर या नरम थी उसके बारे में जिक्र नहीं है। जब भी भारत ने सामरिक संयम बरतने का फैसला लिया पाकिस्तान लगभग अर्ध-सैन्य देश बन गया। बता दें कि नवंबर के महीने में ने 26/11 हमले के बाद यूपीए सरकार द्वारा उचित कार्रवाई न किए जाने को लेकर मनमोहन सरकार की जमकर आलोचना की थी।