- यूपी में तीन एक्सप्रेस वे
- नोएडा-आगरा एक्सप्रेसवे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे
- लखनऊ गाजीपुर एक्सप्रेस, देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
सड़क सिर्फ एक इलाके को दूसरे इलाके से जोड़ने के काम नहीं आती है, बल्कि इसका अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान होता है। आज से करीब 20 साल पहले यूपी में एक्सप्रेस वे का होना सपने की तरह था। लेकिन आज यूपी देश में एक्स्प्रेस वे का कैपिटल है तो उसके पीछे वजह भी है। यूपी में इस समय नोएडा -आगरा एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे इस्तेमाल में है। इसके साथ ही 16 नवंबर 2021 का दिन भी यादगार बन जाएगा जब पीएम नरेंद्र मोदी देश के अब तक के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे को समर्पित करेंगे।
मायावती के कार्यकाल से हुई शुरुआत
यूपी में एक्स्प्रेस वे बनाने का सिलसिला पूर्व सीएम मायावती के कार्यकाल से शुरू हुआ और तमाम अड़चनों के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में आम लोगों के लिए उस एक्स्प्रेस वे को खोल दिया गया। इसके साथ ही अखिलेश यादव की सरकार ने आगरा से लखनऊ को जोड़ने का प्रस्ताव लाया और जमीन पर उतार दिया। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के साथ ही उन्होंने समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का खाका खींचा और जमीन अधिग्रहण का काम शुरु हुआ, हालांकि 2017 में सत्ता से बाहर होने के बाद उनके काम को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बढ़ाया।
यूपी में एक्सप्रेस वे
- नोएडा-आगरा एक्सप्रेस वे (करीब 185 किमी लंबा)
- आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे( करीब 300 किमी लंबा)
- लखनऊ-गाजीपुर एक्सप्रेस वे(341 किमी लंबा)
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि यूपी में एक्स्प्रेसव करीब 30 वर्ष पहले आना चाहिए था। हालांकि यह कई तरह की दिक्कतों की वजह से परवान नहीं चढ़ सका। 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जब कहा कि देश को बेहतरीन सड़कों की जरूरत है और इसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। पूर्व पश्चिम और उत्तर दक्षिण गलियारे की शुरुआत के साथ ही राज्य स्तर पर भी सरकारों ने सपना देखा कि एक्सप्रेस वे की दिशा में काम किया जाना चाहिए।