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फेसबुक का बयान-हम नेता और पार्टी की परवाह किए बिना अपनी नीतियां लागू करते हैं

Updated Aug 17, 2020 | 14:43 IST

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने सोमवार को कहा कि वह अपने मंच पर नफरत एवं घृणा फैलाने वाले सामग्रियों को जगह नहीं देती।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
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मुख्य बातें
  • फेसबुक ने कहा-नफरत एवं घृणा फैलाने वाले सामग्रियों को वह जगह नहीं देती
  • सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने जारी किया बयान, कहा-किसी का पक्ष नहीं लेते
  • अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है

नई दिल्ली : सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने सोमवार को कहा कि वह अपने मंच पर नफरत एवं घृणा फैलाने वाले सामग्रियों को जगह नहीं देती। वह विश्व भर में अपने नीतियों को लागू करते समय किसी नेता के पद या पार्टी के झुकाव को नहीं देखती। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने सोमवार को अपने बयान में कहा, 'फेसबुक पर निष्पक्षता एवं प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए हम हमनी प्रक्रिया का नियमित रूप से ऑडिट करते हैं और नीतियों को लागू करने में हम आगे बढ़ रहे हैं।' दरअसल, 'वाल स्ट्रीट जर्नल' के एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी ने भाजपा के नेताओं के नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए अपनी नीतियों को लागू करने में अनदेखी की है।  

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने वोटरों को प्रभावित करने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर फेसबुक और वाट्सअप के जरिए 'फर्जी खबरें' फैलाने का आरोप लगाया है। राहुल के इस आरोप पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया। प्रसाद ने कांग्रेस को कैंब्रिज एनालिटिका मामले की याद दिलाई।

अंखी दास ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है
इस बीच इंडिया, दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए फेसबुक की नीतियों के निदेशक अंखी दास ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दास का कहना है कि ऑनलाइन पोस्ट एवं सामग्रियों के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इस बीच, कांग्रेस ने रिपोर्ट का हवाला देकर इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति से कराने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि इससे भारतीय लोकतंत्र की नीव को चुनौती मिल रही है और इसकी जांच करने की जरूरत है।

शशि थरूर ने मांगा जवाब
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बारे में सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति फेसबुक का बयान सुनना चाहेगी।  राहुल गांधी के ट्वीट पर थरूर ने कहा, 'इन रिपोर्टों पर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति फेसबुक से सुनना चाहेगी कि वह भारत में नफरत भरे भाषण को रोकने के लिए उसकी क्या योजना है।'

राहुल गांधी ने फेसबुक पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है, 'भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को नियंत्रित करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं और इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है।'

भाजपा ने किया पलटवार
राहुल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'अपनी ही पार्टी के लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया भाजपा और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है। चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और अब हमसे सवाल कर रहे हैं?' कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'राहुल गांधी एक असफल नेता हैं और स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं उनकी खीझ और बौखलाहट दिख रही है। राहुल गांधी कांग्रेस के ऊपर ही नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं, नियंत्रण से बाहर कांग्रेस पार्टी जा रही है और उसका प्रलाप राहुल गांधी कर रहे हैं।'

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