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IT की नई गाइडलाइन पर Facebook का जवाब, कहा-'नए नियमों का पालन करने की सोच रहे'

Updated May 25, 2021 | 14:29 IST

फेसबुक (Facebook) के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, 'हम आईटी विभाग के नियमों एवं प्रावधानों को लागू करने के बारे में सोच रहे हैं। साथ ही हम कुछ बिंदुओं पर हम सरकार के साथ चर्चा जारी रखेंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspTOI Archives
IT की नई गाइडलाइन पर Facebook का जवाब।

नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि ऑनलाइन कंटेंट को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लाए गए सरकार के नए नियमों का 'पालन करने की वह सोच' रहा है। फेसबुक का यह जवाब ऐसे समय आया है जब नियमों एवं गाइडलाइन का पालन करने के लिए सरकार की ओर से दी गई तीन महीनों की समयसीमा आज समाप्त हो रही है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, 'हम आईटी विभाग के नियमों एवं प्रावधानों को लागू करने के बारे में सोच रहे हैं। साथ ही हम कुछ बिंदुओं पर हम सरकार के साथ चर्चा जारी रखेंगे क्योंकि इस पर अभी और बातचीत करने की जरूरत है।'

फेसबुक ने नए नियमों पर जारी किया बयान
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि वह 'संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने और क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।' बयान में आगे कहा गया है, 'लोग फेसबुक पर अपने विचार एवं राय स्वतंत्र एवं सुरक्षित रूप से व्यक्त कर सकें, इसके लिए प्रतिबद्ध है।' इंस्टाग्राम और वाट्सएप भी फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं। आईटी के नए नियमों से ये दोनों प्लेटफॉर्म भी प्रभावित हुए हैं। 

सरकार ने गत 25 फरवरी को पेश किया नया नियम
गत 25 फरवरी को सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमेडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 पेश किया। आईटी विशेषज्ञों का कहना है ये नए नियम भारत में इंटरनेट सेवा में बुनियादी रूप से 'बदलाव' करेंगे। बताया जाता है कि इन नियमों को बनाने में लोगों की राय नहीं ली गई है। लोगों को आशंका है कि सरकार सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाले कंटेंट पर 'राजनीतिक सेंसरशिप लगाने' की कोशिश कर रही है। आईटी विभाग के नए नियम सभी 'महत्वपूर्ण' सोशल मीडिया कंपनियों और 50 लाख से अधिक यूजर्स वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जैसे सिग्नल, टेलिग्राम और ट्विटर पर लागू होंगे। 

'कंटेंट पर बढ़ जाएगी सरकारों की निगरानी'
एक्टिविस्टों का कहना है कि सरकार के ये नियम कंटेंट को हटाने के लिए 'एक हथियार' की तरह काम करेंगे। सरकारें सोशल मीडिया कंपनियों को 36 घंटे के भीतर कंटेंट हटाने के लिए कह सकती हैं। सोशल मीडिया कंपनियां यदि ऐसा नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू हो सकती है। आशंका है कि इन नियमों से 'एंड टू एंड इंक्रिप्शन' को भी खतरा बना रहेगा क्योंकि सरकार के कहने पर सोशल मीडिया पर सामग्री को पहली बार पोस्ट करने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी देना होगा जरूरी होगा। 'इंटरनेट फाउंडेशन' का कहना है कि इन नए नियमों से समस्या का समाधान नहीं होगा बल्कि इससे 'नुकसान' होगा।

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