- अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे: किसान नेता बूटा सिंह
- जल्दी ही तारीख का ऐलान करेंगे: बूटा सिंह
- केंद्र ने यह स्वीकार किया है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं: किसान नेता बलबीर सिंह
नई दिल्ली: कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन और भी तेज करने का फैसला कर लिया है। किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था कि अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्त किसान मंच एक तारीख तय करेगा और घोषणा करेगा।
'पीएम और कृषि मंत्री की बातों में अंतर'
उन्होंने कहा, 'पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस के पंप, भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है। इसके अलावा 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री जी कहते है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए और हमारा भी यही मानना है। वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री कहते हैं कि अगर किसान उनके संशोधनों को मानेंगे तो ही बातचीत जारी रहेगी, नहीं तो नहीं होगी। फिर से हमारे ऊपर शर्त लगा दी जाती है जिसकी हम निंदा करते हैं।'
बूटा सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं और हमारे मंत्रियों को कहना चाहूंगा कि एकजुट हो जाइए। प्रधानमंत्री कुछ और, गृहमंत्री कुछ और व कृषि मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। विनती है कि हम एकजुट हैं और हमारी चुनी हुई सरकार को भी एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, 'केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं। यदि कृषि राज्य विषय है, तो उन्हें इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है।'
बातचीत को तैयार सरकार
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिये हर समय तैयार है। सरकार किसानों के जो भी मुद्दे हैं उनके बारे में कोई भी प्रावधान करने पर खुले मन से विचार करने के लिये तैयार है, ताकि किसानों की शंका को दूर किया जा सके। किसान संगठनों को सरकार के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए, हम आगे और बातचीत के लिए हर समय तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि मुद्दे के समाधान के लिए हम किसान भाइयों, बहनों, यूनियन नेताओं से प्रदर्शन खत्म करने और सरकार के साथ बात करने की अपील करते हैं।