- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 'रेल रोको आंदोलन' की घोषणा
- रेलवे ने आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की
- सरकार चिंतित है कि कहीं लाल किला उपद्रव जैसा कुछ न हो जाए
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 'रेल रोको आंदोलन' गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक होगा। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार कई प्रतिबंधों को हटाने के बावजूद भी कई महीनों से ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं दे रही है। इसके कारण लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्ता किसान मोर्चा द्वारा 'रेल रोको आंदोलन' की घोषणा की गई है।
टिकैत ने कहा कि उनके गांवों के लोग गुरुवार को 'रेल रोको आंदोलन' में हिस्सा लेंगे, सरकार किसानों के इस कदम को लेकर थोड़ा चिंतित है और इसकी वजह भी है 26 जनवरी को लाल किले पर जो हुआ वो किसी से छिपा नहीं हैं वहीं बताया जा रहा है कि किसान संगठनों के नेता भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि कोई उपद्रवी किसानों की आड़ में कुछ ऐसा ना कर दे जिससे फिर उनपर तोहमत आए और आंदोलन बदनाम हो।
दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेलों की आवाजाही होगी अवरुद्ध
एसकेएम ने कहा था कि देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलों की आवाजाही को अवरुद्ध किया जायेगा।गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की छुट्टियां भी रद
बताया जा रहा है कि जहां-जहां आंदोलन का ज्यादा असर पड़ने की संभावना है, वहां पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी। रेलवे ने आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। ये कंपनियां पंजाब, हरियाणा, यूपी और पश्चिम बंगाल में विशेष ध्यान केंद्रित करेंगे।
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर फोकस
रेलवे सुरक्षा बल के डीजी ने कहा, 'मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा। हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल की 20 कंपनियों को तैनात किया है।'