- सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
- कांग्रेस का कहना है कि पायलट बीजेपी की साजिश के शिकार हो चुके हैं
- सचिन पायलट का कहना है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं।
नई दिल्ली। सियासी लड़ाई का कभी द एंड नहीं होता है सिर्फ पल भर के लिए विराम होता है। उस दौरान सियासतदान नए सिरे से रणनीति तय करते हैं। राजस्थान की लड़ाई में अब तक के घटनाक्रम से साफ है कि सचिन पायलट पर अशोक गहलोत भारी पड़े हैं, वो न केवल मंत्रिमंडल से पायलट की छुट्टी कराने में कामयाब रहे बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष पद से रुखसती कर दी। लेकिन कांग्रेस कहीं न कहीं इस बात की कोशिश कर रही है किसी तरह से सचिन पायलट को मना लिया जाए।
रणदीप सुरजेवाला ने की अपील
मंगलवार को रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर में तीन बड़े ऐलान किए जिसमें दो ऐलान सचिन पायलट से जुड़ा हुआ था। अब सुरजेवाला कह रहे हैं कि हमने सचिन पायलट के बयान को देखा है वो कह रहे हैं कि बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। यदि ऐसा है को उन्हें तुरंच बीजेपी के सुरक्षा कवच से बाहर आ जाना चाहिए जो हरियाणा सरकार मुहैया करा रही है। इसके साथ ही बीजेपी से सभी तरह के संवाद को रोकना चाहिए और वापस जयपुर आना चाहिए।
कांग्रेस ने सचिन पायलट को क्या नहीं दिया
सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा था कि कांग्रेस ने आखिर सचिन पायलट को क्या नहीं दिया। 26 साल के जब वो थे तो सांसद बना दिया। 32 साल में मंत्री, 36 साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और 40 वर्ष में राजस्थान जैसे बड़े सूबे का डिप्टी सीएम। आखिर उन्हें पार्टी की रीति और नीति का तो ख्याल करना चाहिए था। सोनिया जी और राहुल जी का उनसे व्यक्तिगत स्नेह था। ऐसे में आखिर वो इस तरह का कदम क्यों उठा रहे हैं जो पार्टी के हित में नहीं है।