नई दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। उससे पहले नेताजी की प्रतिमा की तस्वीरें सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे साथ ही 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन करेंगे। राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' किया गया है। सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस-फाफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। अर्थशास्त्री बोस-फाफ ने जर्मनी से जारी बयान में कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि मेरे पिता नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक प्रतिमा का आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नयी दिल्ली में अनावरण किया जाएगा।
इस तरह होगा ताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनारण
प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत कदम कदम बढ़ाए जाए की धुन के साथ होगा। एक भारत-श्रेष्ठ भारत और अनेकता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने के लिए देश के कोने-कोने से आए 500 नर्तकों द्वारा कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक उत्सव प्रदर्शित किया जाएगा। प्रधानमंत्री को इसकी झलक इंडिया गेट के समीप एम्फीथिएटर पर लगभग 30 कलाकारों द्वारा दिखाई जाएगी। ये कलाकार नासिक ढोल पथिक ताशा द्वारा ड्रमों के संगीत की धुनों पर संबलपुरी, पंथी, कालबेलिया, कारगाम और कच्छी घोड़ी जैसे आदिवासी लोक कला रूपों का प्रदर्शन करेंगे।
1947 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पद्म भूषण पं श्रीकृष्ण रतनजानकरजी द्वारा रचित मंगलगान को पं. सुहास वाशी और उनके साथ गायकों और संगीतकारों की एक टीम द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। नेताजी के जीवन पर 10 मिनट का एक विशेष ड्रोन शो 9, 10 और 11 सितंबर को रात 8 बजे इंडिया गेट पर प्रस्तुत किया जाएगा। सांस्कृतिक उत्सव और ड्रोन शो दोनों जनता के लिए फ्री होंगे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की खास बातें
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा 280 मीट्रिक टन वजन वाले विशाल ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरा गया है। इस प्रतिमा को 26,000 घंटे के अथक कलात्मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है। काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा इंडिया गेट के समीप एक छतरी के नीचे स्थापित की जाएगी।
संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि नेताजी की इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग करके पूरी तरह हाथों से बनाया गया है। अरुण योगीराज के नेतृत्व में मूर्तिकारों के एक दल ने यह प्रतिमा तैयार की है। बयान में कहा गया है कि नेताजी की प्रतिमा को उसी जगह स्थापित किया जा रहा है, जहां इस साल के प्रारंभ में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था।
इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था। बयान के अनुसार 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा भारत की विशालतम, सजीव, अखंड पत्थर पर, हाथों से निर्मित प्रतिमाओं में से एक है। ग्रेनाइट के इस अखंड पत्थर को तेलंगाना के खम्मम से 1665 किलोमीटर दूर नयी दिल्ली तक लाने के लिए 100 फुट लंबा 140 पहियों वाला एक ट्रक विशेष तौर पर तैयार किया गया था।