- सावन का महीना आज से शुरू, मंदिरों में उमड़ी भगवान शिव के भक्तों की भीड़
- कोरोना के चलते देश के कई मंदिरों में की जा रही है श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग
- उज्जैन के महाकालेश्वर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचे शिव भक्त
नई दिल्ली: आज से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। कोविड 19 की महामारी के इस दौर में मंदिरों में भले ही पहले जैसी रौनक नहीं है लेकिन फिर भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिरों की तरफ पहुंच रहे हैं और भगवान शंकर की पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस बार का सावन थोड़ा अलग है। कई राज्यों में तो सरकारों ने जलाभिषेक नहीं करने का आदेश दिया है वहीं कांवड़ यात्रा रोक दी गई है। लेकिन इन सबके बीच मंदिरों में 'बम भोले' के जयकारे जरूर गूंज रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह-सुबह गोरखपुर के मानसरोवर मंदिर पहुंचक पूजा-अर्चना की और भगवान शिव का दुग्धाभिषेक किया।
सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान
इस बार मंदिरों में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं और सैनेटाइजर से लेकर स्क्रीनिंग तक की व्यवस्था की गई है। राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित प्रसिद्ध गौरी शंकर मंदिर में सुबह से ही भक्त दर्शनों के लिए उमड़ रहे हैं और यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है और गेट पर हर श्रद्धालु का टेंपरेचर चैक किया जा रहा है।
मंदिरों में गूंजे भगवान शिव के जयकारे
दिल्ली के चांदनी चौक स्थित बनखंडी मंदिर में लोगों ने सुबह-सबुह पहुंचकर पूजा अर्चना की और भगवान शिव के जयकारे लगाए। वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भी सुबह भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान शिव की पूजा की गई है। हालांकि पहले की तुलना भीड़ काफी कम है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में तो सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है और लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। दूर-दूर से भगवान शिव के भक्त पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं जिनका विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिषियों के मुताबिक सावन सोमवार का व्रत रखने वालों के लिए यह उत्तम है और संतान प्राप्ति, उत्तम स्वास्थ्य के लिए यह व्रत किया जाता है।