श्रीनगर/नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त किए जाने के एक साल से भी अधिक समय बीतने के बाद वहां सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए 24 देशों के राजनयिक पहुंचे। वे श्रीनगर में हजरत बल दरगाह भी पहुंचे, जिसके बाद कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे विदेशी राजनयिकों का एक 'गाइडेड टूर' करार दिया है।
जिन देशों के राजनयिक बुधवार को कश्मीर दौरे पर पहुंच, उनमें चिली, ब्राजील, क्यूबा, बोलीविया, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, यूरोपीय संघ, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, इटली, बांग्लादेश, मलावी, इरिट्रिया, कोट डिवार, घाना, सेनेगल, मलेशिया, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के राजनयिक शामिल हैं। यह 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद बीते करीब डेढ़ साल में विदेशी प्रतिनिधिमंडल का तीसरा दौरा है।
मनीष तिवारी ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे 'गाइडेड टूर' करार देते हुए यह भी कहा कि यह पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, '(जम्मू कश्मीर में) विदेशी जा सकते हैं, लेकिन संयुक्त संसदीय समिति और विपक्षी नेता नहीं जा सकते। यह गाइडेड टूर एक मजाक है। यह बुरी तरह जख्मी लोगों के घाव पर नमक रगड़ने जैसा है।'
यहां उल्लेखनीय है कि विदेशी राजनयिकों का यह कश्मीर दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब यहां हाल ही में डीडीसी चुनाव संपन्न हुए हैं। अनुच्छेद 370 पर अगस्त 2019 में लिए केंद्र सरकार के फैसले के बाद इस चुनाव को काफी अहम समझा जा रहा है। कश्मीर में हाल ही में 4 जी इंटरनेट संचार सेवा भी बहाल की गई है और पूर्व में नजरबंद किए गए कई नेताओं को स्वतंत्र भी किया गया है।
बदलते माहौल में विदेशी राजनयिकों के कश्मीर दौरे को कूटनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस नेता ने इसे 'गाइडेड टूर' करार दिया है। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति और विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने की अनुमति नहीं देने का मसला उठाया।