- जल प्रबंधन के इस प्रयास से बुंदेलखंड की प्यास भी बुझेगी और प्रगति भी होगी
- नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है
- योगी ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार होना कहा है
लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 'नदी जोड़ो परियोजना' की संकल्पना साकार होने जा रही है। राष्ट्रीय महत्व की इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के साथ हो रहा है। विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करार पत्र पर हस्ताक्षर कर परियोजना को औपचारिक स्वीकृति दी।
पीएम मोदी ने इसे 'ऐतिहासिक' करार देते हुए कहा कि समझौता पत्र पर हस्ताक्षर, महज एक कागज पर दस्तखत भर नहीं है, बल्कि यह समूचे बुंदेलखंड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से बुंदेलखंड की प्यास भी बुझेगी और प्रगति भी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से शुरू हो रहा नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है, इसका लाभ पीढ़ियों तक मिलता रहेगा।
पीएम मोदी ने इस योजना को शीघ्रता से पूरा करने के लिए बुंदेलखंड वासियों से यथासंभव हर सहयोग करने के लिए प्रेरित भी किया।
अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार होना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार होना कहा है। सीएम ने कहा कि इस समझौते से उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बाँदा, झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध एवं सुदृढ़ होगी, साथ ही, उत्तर प्रदेश के जनपद झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में पेयजल हेतु 21 लाख जनसंख्या को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
पन्ना जनपद में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जायेगा
इस परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जनपद में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जायेगा , जिससे 221 किलोमीटर लम्बी लिंक चैनल निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी। केन-बेतवा लिंक नहर पर उत्तर प्रदेश की जरूरत के अनुसार आउटलेट प्रदान करते हुए महोबा, हमीरपुर एवं झांसी जिलों में वर्षाकाल में जल उपलब्ध कराते हुए इन जनपदों में पूर्व में बने बांध, जो विगत कई वर्षों से भरे नही जा सके हैं, को भी जल उपलब्ध कराया जाएगा। सीएम योगी ने इस परियोजना को बुन्देलखण्ड के सर्वांगीण विकास में स्वर्णिम अध्याय कहा है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना की खास बातों पर एक नजर :-
- बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश को सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु वर्ष अगस्त -2005 में केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के मध्य केन-बेतवा नदी बेसिन के जल बटवारे को लेकर समझौता हुआ था, लेकिन बाद की सरकारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
- परियोजना से उत्तर प्रदेश के जनपद-महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, झांसी एवं बांदा में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध एवं सुदृढ़ की जाएगी।
- जनपद-झांसी, ललितपुर एवं महोबा के क्षेत्रों में लगभग 21 लाख जनसंख्या को पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
- हमीरपुर में मौदहा बांध को भरने की सुनिश्चित व्यवस्था करते हुए हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर की सिंचाई व्यवस्था एवं तहसील राठ में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
- जनपद महोबा में लगभग 37,564 हेक्टेयर, ललितपुर में लगभग 3,533 हेक्टेयर, झाँसी में लगभग 17,488 हेक्टेयर, हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर एवं बांदा में लगभग 1,92,479 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा
- जनपद झांसी में लगभग 14.66 मिलियन क्यूबिक मीटर, ललितपुर में लगभग 31.98 मिलियन क्यूबिक मीटर, हमीरपुर में 2.79 मिलियन क्यूबिक मीटर एवं महोबा में लगभग 20.13 मिलियन क्यूबिक मीटर जल पेयजल हेतु उपलब्ध कराया जा सकेगा।
- परियोजना के अन्तर्गत बरियारपुर पिकप बीयर के डाउनस्ट्रीम में दो नये बैराजों का निर्माण कर, लगभग-188 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण किया जा सकेगा।
- बरियारपुर पिकप वीयर, परीछा वीयर, बरुआ सागर बांध आदि संरचनाओं के निर्माण पुनरोद्धार एवं पुनर्स्थापना का कार्य होगा।
- महोबा में पानी के टैंकों एवं उनके जलवहन प्रणाली का कार्य प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से मानसून अवधि में जल संग्रह कर, नॉन मानसून अवधि में उस जल का उपयोग किया जा सकेगा तथा जनपद बांदा एवं झाँसी को प्रेशराइज्ड पाइप सिस्टम एवं माइकोइरीगेशन सिस्टम से लाभांवित किया जाएगा।
- जनपद हमीरपुर में स्थित मौदहा बांध को बेतवा लिंक नहर से जोड़कर बांध को भरने की सुनिश्चित व्यवस्था की जाएगी।