- भारत-चीन सीमा विवाद के बीच राहुल गांधी के बयान पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने आपत्ति जताई है
- उनका कहना है कि कांग्रेस नेता का बयान गलत सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है
- पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तिब्बत को लेकर कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए
नई दिल्ली : भारत-चीन सीमा विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह सवाल किया था कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? उनके इस बयान पर जहां सियासी घमासान मचा हुआ है, वहीं सशस्त्रों बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने भी कांग्रेस नेता के बयान की आलोचना करते हुए इसे गलत सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया है।
पूर्व सैन्य अफसरों ने उठाए सवाल
लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव समेत 9 पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर उनका यह बयान राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाला है। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान इस मसले पर उनकी कम जानकारी या फिर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की सरकार में हुई ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा मालूम पड़ता है।
नेहरू की नीतियों को लेकर सवाल
रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने तिब्बत को लेकर नेहरू की नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा, 'क्या राहुल गांधी नहीं जानते कि नेहरू ने तिब्बत को प्लेट में सजाकर चीन को सौंप दिया था और चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं। बाद में उसने इस पर तब कब्जा कर लिया जब नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे।' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान न केवल इस मसले पर उनकी कम जानकारी, बल्कि गलत सोच को भी प्रदर्शित करता है। उनका बयान भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने में सशस्त्र बलों की क्षमता पर भी सवाल खड़े करता है।
राहुल गांधी ने किया था ये ट्वीट
यहां उल्लेखनीय है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ गतिरोध के बीच सोमवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए तंजभरे लहजे में ट्वीट कर कहा था, 'सब को मालूम है 'सीमा' की हकीकत, लेकिन दिल को खुश रखने को 'शाह-यद' ये ख्याल अच्छा है।' उनका यह ट्वीट गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रविवार को बिहार में एक वर्चुअल रैली के दौरान यह कहे जाने के बाद आया था था कि भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकृति मिली है और अमेरिका तथा इजराइल के बाद पूरी दुनिया इससे सहमत है कि यदि कोई अन्य देश अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, तो वह भारत है।
रक्षा मंत्री का पलटवार
बाद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा था, 'मिर्जा गालिब का ही शेर थोड़ा अलग अन्दाज में है। 'हाथ' में दर्द हो तो दवा कीजै, 'हाथ' ही जब दर्द हो तो क्या कीजै।' यहां गौरतलब है कि हाथ का पंजा कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है।
कांग्रेस नेता ने फिर उठाए सवाल
वार-पलटवार का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, राहुल गांधी ने इसके बाद फिर तल्ख टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया, 'अगर रक्षा मंत्री का हाथ के निशान पर टिप्पणी करने का काम पूरा हो गया हो तो वह इसका जवाब दे सकते हैं कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?'