- पूर्व नौकरशाह शाह फैसल ने ट्वीट कर बांधे पीएम मोदी की तारीफों के पुल
- मोदी सरकार के घोर आलोचक रह चुके हैं शाह फैसल
- फैसल ने ट्वीट करते हुए भारत के वैक्सीनेशन प्रोगाम के लिए की सरकार की तारीफ
नई दिल्ली: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देकर राजनीतिक दल बनाने और फिर राजनीति को को अलविदा कहने वाले कश्मीर के शाह फैसल एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इस बार कारण अलग हैं। दरअसल शाह फैसल केंद्र सरकार की नीतियों की घोर आलोचक रहे हैं लेकिन इस बार उन्होंने सरकार के साथ-साथ इसके मुखिया यानि पीएम मोदी की खूब तारीफ की है। भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर किया गया उनका ट्वीट खूब वायरल हो रहा है।
जानिए क्याहै पूरा मामला
दरअसल पीएम मोदी काशी के कोविड 19 वैक्सीनेशन के लाभार्थियों से बात कर रहे थे और इसका वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया। इसमें पीएम मोदी भारत के वैक्सीनेशन प्रोगाम के बारे में बता रहे हैं। शाह फैसल ने पीएम मोदी के इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए करते हुए देश के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की तारीफ की और कहा कि यह सिर्फ एक वैक्सीनेशन प्रोग्राम से कहीं ज्यादा बढ़कर है।
शाह फैसल का पूरा ट्वीट
शाह फैसल ने ट्वीट में कहा, 'यह एक वैक्सीनेशन कार्यक्रम से कहीं अधिक बढ़कर है। यह सुशासन +यह सुशासन + मानव पूंजी निर्माण + राष्ट्र निर्माण + भारत के एक जगत गुरु के रूप में वैश्विक नेतृत्व करने की दिशा तय करने वाला कदम है।' शाह फैसल के इस ट्वीट पर लोग ट्विटर पर उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शाह फैसल की तारीफ भी कर रहे हैं।
कौन हैं शाह फैसल
शाह फैसल पूर्व सिविल सर्वेंट हैं और 2009 के सिविल सर्विस एग्जाम में जब उन्होंने टॉप किया था तो वह पहली बार सुर्खियों में आए थे।इसके बाद विभिन्न जगहों पर उनकी पोस्टिंग हुई लेकिन 9 जनवरी, 2019 को जब उन्होंने कश्मीरियों पर ज्यादतियों की हवाला देकर प्रशासनिक सेवा को अलविदा कहने का ऐलान किया तो हर कोई हैरान रह गया। उस समय वह जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी के पद पर नियुक्त थे। उन्होंने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की।
किया राजनीतिक दल का गठन
2019 में शाह फैसल ने राजनीतिक बनाने का ऐलान किया और 4 फरवरी 2019 को घाटी के कुपवाड़ा में उन्होंने जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (JKPM) नाम से राजनीतिक दल के गठन का ऐलान कर दिया। इस दौरान उन्होंने आक्रामक भाषण दिया और खुद के 10 साल की नौकरी की तुलना जेल की जिंदगी से कर दी। इसके बाद 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किया गया तो उन्हें भी अन्य नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया। फैसल ने राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना की थी। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
कयासों का बाजार गर्म
फिलहाल शाह फैसल के इस ट्वीट के बाद कयासों का बाजार भी गर्म हो गया है और लोग कह रहे हैं कि फैसल फिर से सिविल सेवा में वापसी करना चाहते हैं। हालांकि शाह फैसल ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि उन्होंने कुछ विवादित बयान दिए थे जिसकी वजह से उनके शुभचिंतक निराश हुए थे। उन्होंने कहा था कि मैं अब अपनी गलती सुधारना चाहता हूं।