- पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति (पीपीसीसी) के प्रमुख सुनील जाखड़ ने छोड़ी कांग्रेस
- जाखड़ ने अपने फेसबुक पेज पर 'दिल की बात' में किया पार्टी छोड़ने का ऐलान
- पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर जाखड़ ने किया हमला
Sunil Jakhar Quits Congress: करीब पचास साल तक कांग्रेस के जुड़े रहने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आखिर पार्टी को अलविदा कह दिया है। इस दौरान उन्होंने फेसबुक लाइव आकर अपना दर्द बयां किया और कई बार वो भावुक भी हो गए। अपने फेसबुक पेज पर करीब 35 मिनट से अधिक समय तक 'दिल की बात' कहते हुए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इस दौरान जाखड़ ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी सहित शीर्ष नेताओं को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में हुई पार्टी की दुर्दशा के लिए आखिर कांग्रेस ने क्यों कोई एक्शन नहीं लिया। जाखड़ ने कहा, ' यूपी में 390 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार 2000 वोट तक नहीं लाए पाए, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इसे लेकर कमेटी बननी चाहिए थी और विचार करना चाहिए की आखिर ऐसी दुर्दशा क्यों हुई।'
गैर जैसा व्यवहार किया गया
कांग्रेस ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पिछले महीने सुनील जाखड़ को सभी पदों से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि वे 50 साल तक कांग्रेस में रहे, पर उनके साथ गैर जैसा व्यवहार किया गया। जाखड़ ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया। उन्होंने कहा था कि अगर कोई उनकी टिप्पणियों से आहत हुआ है तो वह खेद जताते हैं। वसीम बरेलवी का एक शेर अर्ज करते हुए करते हुए जाखड़ ने कहा-
'घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत ब'अद का है
पहले ये तय हो कि इस घर को बचाएँ कैसे'
दिल तोड़ा
वीडियो में जाखड़ कई बार भावुक नजर आए। उन्होंने कहा किमुझे पार्टी से निकालने का मेल भेजा गया जबकि मैं तो किसी पद पर था ही नहीं। जाखड़ ने कहा, 'सोनिया जी आपने बस संबंध नहीं तोड़े, मेरा दिल तोड़ा। इसके बाद एक शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा-
'दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने
बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं'
अंबिका सोनी पर निशाना
सुनील जाखड़ ने अंबिका सोनी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पंजाब में कांग्रेस का बेड़ा गर्क में अगर किसी नेता का हाथ है तो वह हैं अंबिका सोनी। जाखड़ ने कहा, 'उन्होंने सिखों को बदनाम किया तथा हिंदू और सिखों के बीच लड़ाई करवाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि अगर पंजाब में हिंदू सीएम बनेगा को राज्य में आग लग जायेगी।' आपको बता दें कि जाखड़ ने पहले यह दावा करके तूफान खड़ा कर दिया था कि 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और केवल दो ने चन्नी का समर्थन किया है। पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जाखड़ इस पद के दावेदारों में आगे चल रहे थे लेकिन अंबिका सोनी ने कहा था कि पार्टी को एक सिख को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
सिद्धू ने किया बचाव
इधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सुनील जाखड़ का पक्ष लेते हुए ट्वीट किया, 'कांग्रेस पार्टी को सुनील जाखड़ को नहीं खोना चाहिए. वह पार्टी के लिए एक संपत्ति की तरह हैं। किसी भी मतभेदों को टेबल पर सुलझाया जा सकता है।'
जाखड़ ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है जब उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ चल रहा है। अंत में जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले का ऐलान करते हुए कहा, ‘पार्टी के लिए यह (मेरी विदाई) उपहार है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं और अलविदा कांग्रेस।’।