- कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम पद से इस्तीफा
- अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई में सिद्धू पड़े भारी
- नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह में हाल के दिनों में कलह खुलकर सामने आई
पंजाब में अब कैप्टन अमरिंदर सिंह राज नहीं है, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर कैप्टन ने इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे के बाद वो राजभवन के गेट पर आए और मीडियाकर्मियों से अपने दिल की बात कही। पहले कहा कि अपमानित महसूस कर रहे थे फिर बोले कि कांग्रेस आलाकमान जिसे चाहे उसे सीएम बना दे। लेकिन उसके साथ यह भी कहा कि भविष्य की योजना है।
52 साल से सार्वजनिक जीवन में
अमरिंदर सिंह ने कहा कि वो पिछले 52 वर्षों से राजनीतिक जीवन में हैं, जहां तक फिलहाल वो कहां उसका जवाब ये है कि वो कांग्रेस में हैं। लेकिन उनका भी फ्यूचर प्लान है और उसके बारे में फैसला करेंगे। अब अगर अमरिंदर सिंह के मौजूदा राजनीतिक सफर को देखें को तो करीब 1647 दिन बाद वो पंजाब के सीएम रहे। लेकिन क्या उनके इस्तीफे की पटकथा तब से लिखी जानी शुरू हुई जब नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के हिस्सा बने और एक तरह से राजनीतिर शीत युद्ध उनके बीच जारी रहा। लेकिन हाल के दिनों में दोनों के बीच कलह खुलकर आ गई थी।
सितंबर 2021
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जून 2021
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अगस्त 2019
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अगस्त 2019
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15 अगस्त 2021
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पंजाब या भारत के किसी भी क्षेत्र पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे
20 फरवरी 2019
मसूद अजहर पाकिस्तान में बैठा है ...इमरान उसे गिरफ्तार करे
नवंबर 2018
सिद्धू को पाकिस्तान नहीं जाने की सलाह दी
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर घमासान शुरू हुआ।सिद्धू को कमान देने की खबर से कैप्टन खेमा नाराज ।कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान के सामने नाराजगी जताई।दिल्ली से बिना मुलाकात किए दिल्ली लौटे कैप्टन ।फिर कैप्टन ने सोनिया गांधी को खत लिखा
कैप्टन ने सोनिया गांधी को फोन कर ऐतराज जतायाविरोध में अमरिंदर ने इस्तीफे की पेशकश की ।अध्यक्ष बनने पर सिद्धू ने शक्ति प्रदर्शन किया ।पंजाब के नेता दो अलग अलग धड़ों में बंट गए ।सिद्धू खेमे के नेता देहरादून में हरीश रावत से मिले। हरीश रावत ने कैप्टन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान किया
पंजाब में कैप्टन और सिद्धू की जंग, पंजाब कांग्रेस में कलह के कारण
कैप्टन और सिद्धू में वर्चस्व की लड़ाई।सिद्धू गुट लगातार आरोप लगाता रहा।कैप्टन पर वादे पूरे ना करने का आरोप।दो MLA के बेटों को नौकरी देने का आरोप। विवाद बढ़ा तो आलाकमान ने कमेटी बनाई ।सिद्धू-अमरिंदर कई बार कमेटी के सामने पेश हुए सोनिया ने दोनों से अलग-अलग मुलाकात की।सोनिया ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।प्रदेश अध्यक्ष बनकर सिद्धू का शक्ति प्रदर्शन।किसानों के मुद्दे पर कैप्टन की घेराबंदी की ।बिजली बिल को लेकर भी दोनों लोग आमने-सामने रहे।