- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद को 'लव जिहाद' पर दी सफाई
- मंत्री ने कहा कि मौजूदा किसी कानून में 'लव जिहाद' का कोई जिक्र नहीं है
- साल 2018 में केरल में हदिया और शफीन का मामला सुर्खियों में रहा
नई दिल्ली: बीते समय में दो धर्मों खासकर हिंदू और मुस्लिम के बीच हुई शादी के कुछ मामलों को भले ही 'लव जिहाद' से जोड़ा गया हो लेकिन सरकार की डिक्शनरी में इस तरह का कोई शब्द नहीं है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संसद को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों देश में 'लव जिहाद' का कोई केस नहीं मिला है और मौजूदा किसी भी कानून में 'लव जिहाद' का कोई जिक्र नहीं है।
केरल के सांसद बेन्नी बेन्हान के तारांकित सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने यह जवाब दिया। सांसद ने सरकार से जानना चाहा कि केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य में लव जिहाद का कोई मामला नहीं है, तो कोर्ट के इस फैसले से अवगत है कि नहीं। दूसरा पिछले दो साल में में जांच के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों को केरल में लव जिहाद का कोई मामला मिला है कि नहीं और यदि मिला है तो उसके बारे में बताया जाए।
सांसद के इस सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच में 'लव जिहाद' का कोई मामला सामने नहीं आया है और मौजूदा कानून में 'लव जिहाद' के बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने जवाब में कहा, 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हालांकि केरल में अंतर-जातीय विवाह के दो मामलों की जांच की।'
क्या है 'लव जिहाद'
हाल के वर्षों में 'लव जिहाद' चर्चा के केंद्र में रहा है। हिंदूवादी संगठनों का मानना है कि मुस्लिम युवक साजिश के तहत हिंदू समुदाय की लड़कियों को प्यार का झांसा देकर उन्हें अपनी जाल में फंसाते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कर शादी रचाते हैं। केरल में 'लव जिहाद' के कई मामलों ने तूल पकड़ा और इन मामलों की जांच एनआईए से करानी पड़ी। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मुस्लिम युवक आईएसआईएस की विचारधारा पर काम करते हुए 'लव जिहाद' करते हैं और अपनी आबादी बढ़ाने के लिए हिंदू लड़कियों से शादी करते हैं।
चर्च ने कहा-केरल में हो रहा 'लव जिहाद'
केरल के सबसे बड़े चर्च साइरो-मालाबार चर्च ने दावा किया कि 'लव जिहाद' के लिए ईसाई समुदाय की लड़कियों को निशाना बनाया गया है। चर्च का आरोप है कि ईसाई लड़कियों से शादी करने के बाद उनकी हत्या की गई है। चर्च ने कहा कि इसकी शिकायत पुलिस से की गई लेकिन उसकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। साइरो-मालाबार मीडिया कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि केरल में 'लव जिहाद' के मामले बढ़ रहे हैं और इससे राज्य में समरसता की भावना को ठेस पहुंच रही है।
हदिया और शफीन का मामला सुर्खियों में रहा
केरल के हदिया और शफीन के 'लव जिहाद' मामला काफी चर्चित रहा। हदिया के पिता का आरोप था कि मुस्लिम युवक ने उसकी बेटी को बहला फुसलाकर उसके साथ शादी की। केरल हाई कोर्ट ने इस शादी को अवैध ठहराया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया और हदिया एवं शफीन को एक साथ रहने की इजाजत दी। इस मामले की जांच एनआईए ने भी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी चाहे तो वह 'लव जिहाद' एंगल पर अपनी जांच जारी रख सकती है।