- जनरल विपिन रावत ने कहा कि परमाणु हथियारों का रणनीतिक महत्व होता है और पाकिस्तान की समझ इस मामले में सीमित है
- कुछ दिन पहले सेना प्रमुख ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान ने फिर से बालाकोट का आतंकी प्रशिक्षण केंद्र शुरु कर दिया है
नई दिल्ली: पाकिस्तान में बालाकोट आतंकी ट्रेनिंग केंद्र को सक्रिय करने के खुलासे के कुछ दिनों बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा की अहमियत हमेशा बनी रहेगी जब तक कि इस्लामाबाद शांत रहता है और युद्ध का वातावरण नहीं बनाता है।
टाइम्स नाउ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार रावत के एक इंटरव्यू के दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक ने इस्लामाबाद को एक मजबूत संदेश दिया है कि अब 'छुपन छुपाई' जैसा कोई खेल नहीं होगा और भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के पार जाने में संकोच नहीं करेगी।
जनरल विपिन रावत ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान में आतंकियों के लिए बुनियादी ढांचा मौजूद नहीं होता तो वह कश्मीर में जिहाद करने की बातें बिल्कुल नहीं करता जो उसने हाल ही में कही है। वह भारत में आतंकियों को भेजना चाहता है। जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को उनके समर्थन की मौन स्वीकृति है। 250- 300 आतंकी भारत में लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए संबोधन के दौरान परमाणु हथियारों का जिक्र करने पर जनरल विपिन रावत ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए परमाणु हथियार रणनीतिक लिहाज से अहम होते हैं, ऐसे विनाशक हथियार पारंपरिक युद्ध में इस्तेमाल के लिए नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि इससे परमाणु हथियारों को लेकर पाकिस्तान की नासमझी के बारे में पता चलता है कि उसकी सोच इसे लेकर कितनी सीमित है।
गौरतलब है कि जनरल विपिन रावत वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के रिटायर होने के बाद चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन का पद संभालने जा रहे हैं।