- जम्मू-कश्मीर के छह दिनों के दौरे पर हैं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
- जम्मू पहुंचने पर आजाद ने कहा कि कश्मीर के लोगों में प्रशासन की दहशत
- दिल्ली पहुंचने पर जम्मू-कश्मीर के हालात पर सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे रिपोर्ट
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि राज्य के लोग मायूस और निराश हैं और सत्तासीन पार्टी से जुड़े लोगों को छोड़कर कोई भी खुश नहीं है। कश्मीर का दौरा कर जम्मू पहुंचे कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है और लोग प्रशासन से डरे हुए हैं। जम्मू में भी कश्मीर जैसे हालात हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आजाद ने कहा, 'प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा। राज्य में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। कश्मीर और कश्मीरी लोगों में जितनी निराशा एवं मायूसी है, वैसा ही हाल जम्मू के लोगों का भी है। यहां सत्तासीन पार्टी से जुड़े 100 से 200 लोगों को छोड़कर कोई खुश नहीं है।'
गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद शुक्रवार को पहली बार श्रीनगर पहुंचे। इसके पहले उन्होंने कश्मीर का दौरा करने की कोशिश की लेकिन अधिकारियों ने उन्हें श्रीनगर हवाईअड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी।
कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, 'कश्मीर में हालात बेहद खराब हैं।' जम्मू में अपने घर के बाहर आजाद ने कहा, 'मेरे पास अभी मीडिया से कहने के लिए कुछ नहीं है। मैं चार दिनों तक कश्मीर में रहने के बाद जम्मू पहुंचा हूं। यहां मैं दो दिन रहूंगा और छह दिन की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मैं अपना बयान दूंगा।'
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाने के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली पहुंचने पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैंने घाटी के जिन स्थानों पर जाने की योजना बनाई थी उसके 10 प्रतिशत इलाकों में भी मुझे जाने की प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। जम्मू-कश्मीर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई निशान नहीं है।'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 16 सितंबर को आजाद को राज्य का दौरा करने की इजाजद दी और वहां के हालात पर उनसे रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आजाद को चार जिलों श्रीनगर, जम्मू, बारामूला और अनंतनाग में लोगों से मिलने की इजाजत दी।