- जो 50 फीसदी बचे हैं, कम से कम उन्हें तो बचाओ: आजाद
- "60 साल से ऊपर वाले अगर हां-हां करें तो ठीक वरना..."
- गुलाम- राहुल और प्रियंका गांधी से मुझे नहीं है कोई भी दिक्कत
Ghulam Nabi Azad Interview with Navika Kumar on Times Now Navbharat: नेतृत्व और अस्तित्व के संकट से जूझती कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके जम्मू और कश्मीर के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि पार्टी की बुनियादी समस्या कोई आज पैदा नहीं हुई है। यह राजीव गांधी के निधन के बाद पनपने लगी थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस चीफ के मुद्दे पर पार्टी सिर्फ गांधी परिवार तक सीमित रही। राहुल और प्रियंका के अलावा और कोई नाम नहीं नजर आए। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि राहुल सेक्यूलर हैं, पर अगर 60 बरस के ऊपर के लोग पार्टी में उनकी हां में हां मिलाएं तब ठीक है। अगर न करें तो समस्या है।
पार्टी की बदहाली का जिक्र करते हुए जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम (2005-2008 तक) ने यह भी दावा किया कि कश्मीर में तो कांग्रेस के 50 फीसदी लोग भाग चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, हार्दिक पटेल और खुशबू सुंदर आदि के पाला बदलने पर भी दो टूक सवाल पूछा कि जो बचाव करते थे वही आपको छोड़ कर चले गए। क्या ये सब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे? पर कांग्रेस के पास इसका जवाब नहीं है।
दरअसल, ये सारी बातें उन्होंने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को हिंदी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत पर ओपिनियन इंडिया का शो के दौरान पत्रकार नविका कुमार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं। बकौल आजाद, "कांग्रेस में बुनियादी समस्या आज नहीं हुई। यह राजीव गांधी की मृत्यु के बाद पनपी थी। इंदिरा और राजीव में यह बात थी कि वह 18-20 घंटे काम करते थे। वह पार्टी के साथ सरकार चलाते थे। घर से भी 1000-1500 लोगों से मिलते थे। उनसे किसी को दिक्कत नहीं होती थी। पर नरसिम्हा राव साहब जब बने तब चीजें बदलीं।"
अपने आगे के इरादे से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने बताया- मैं स्वतंत्र हूं। मैं न किसी के साथ हूं, न किसी के साथ जाना है। स्वतंत्र दल होगा। खुदा की मेहरबानी से जम्मू और कश्मीर की 95 फीसदी पार्टियां मेरे साथ आएंगी। वैसे भी देश की तरह कांग्रेस वहां भी कमजोर हो गई है। 50 फीसदी कांग्रेसी भाग गए हैं। तीन महीने में 20-25 जिलाध्यक्ष निकल लिए। लेकिन इलाज नहीं किया गया। हमें बाउंस रखा, हस्तक्षेप नहीं करने दिया। अब जो 50 बचा है, वरना कांग्रेस का नामो-निशान न हो।
'राहुल क्या सच में सेक्युलर हैं?' देखें, इस सवाल पर आजाद ने क्या जवाब दिया?:
उन्होंने बताया- हम 60 से ऊपर तो हम ही में कसूर होगा। पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, आरपीएन सिंह, हार्दिक पटेल, अशोक तंवर...इनका क्या कसूर था? ये तो आपसे (राहुल से) के बराबर या छोटे थे, फिर भी सारे भाग गए। हम तो कहीं नहीं गए। हमको तो आपने 60 के ऊपर का बोलकर रिजेक्ट किया था। पर छोटे वाले सारे भाग गए...उसका जवाब है? खुशबू सुंदर से लेकर जयवीर शेरगिल तक...ये आपका बचाव करते थे, वही भाग गए। क्या प्रॉबल्म है...आपके हिसाब से गुलाम नबी आजाद पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे। क्या ये सब भी उनसे मिले थे? अगर मिले थे तो आपकी टीम में क्यों थे...क्या इन चीजों का जवाब है? नहीं है।
'GNA' का DNA 'मोदीमय' से जुड़े सवाल पर देखें क्या बोले:
कांग्रेस चीफ के लिए और क्या विकल्प हैं? यह पूछे जाने पर वह बोले- मेरे सहयोगी आनंद शर्मा ने बताया कि आप कांग्रेस अध्यक्ष की बात क्यों नहीं कर रहे हैं। आप राहुल और प्रियंका की बात क्यों कर रहे हैं। आप सीमित सुझाव ही क्यों दे रहे हैं। मुझे राहुल-प्रियंका के कांग्रेस चीफ बनने पर कोई दिक्कत नहीं है। प्रियंका तो मेरी बेटी जैसी हैं, पर कांग्रेस उस चक्र (गांधी परिवार) से बाहर क्यों नहीं निकल पा रही है?
यहां देखिए गुलाम नबी आजाद का पूरा इंटरव्यूः
राहुल के लिए कोई सलाह देंगे? इस पर उन्होंने कहा- सोनिया गांधी के लिए दुआ है कि वह सेहतमंद रहें। उनकी लंबी आयु रहे। राहुल खुश रहें। लंबी उम्र रहे और विदेश आना-जाना जारी रहें। उसमें वह ज्यादा खुश रहें। वह जिस क्षेत्र में रहें, खुश रहें। यही मेरी दुआ है। पॉलिटिक्स में अगर कांग्रेस को ठीक करते हैं और पीएम बनते हैं तो मुझे खुशी होगी।