नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक गिरिराज सिंह का विवादों से पुराना नाता है। वो जब बोलते है, तो विवाद के केंद्र में आ ही जाते हैं। सीएए जैसे विषय पर वो कहते हैं कि जो विरोध कर रहे हैं वो किसी और की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाए जाने की वकालत की है।
गिरिराज सिंह कहते हैं कि हम अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में भेजते हैं, वे वहां से कामयाब होते है, आईआईटी करने के बाद नौकरी के लिए विदेश चले जाते हैं और ज्यादातर गोमांस खाना शुरू कर दते हैं। इसके पीछे की वजह साफ है, दरअसल हम उन बच्चों को भारतीय संस्कृति, पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा नहीं देते हैं।
गिरिराज सिंह ने कहा कि आजकल विरोधियों की आदत बन चुकी है कि वो उन मुद्दों पर भी विरोध करते हैं जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सीएए का खासतौर पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि विरोधी दलों को प्रदर्शन कितना जायज है। सिर्फ विरोध के लिए विरोध करने की परंपरा नहीं होनी चाहिए। विपक्षी दल जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं जिसकी पुरजोर खिलाफत करने की आवश्यकता है। हाल के दिनों में जिस तरह से देश के अलग अलग हिस्सों में हिंसक वारदात हुए हैं उसका सरकार कड़ाई से मुकाबला करेगी।