- देश के जिन जिलों में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार कम है, वहां के जिलाधिकार्यों के साथ पीएम ने की बात
- इस समीक्षा बैठक में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, पीएम ने अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की
- पीएम ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए नए-नए तरीके ढूंढने होंगे, 'हर घर दस्तक' का दिया मंत्र
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कम टीकाकरण कवरेज वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में पीएम ने कहा कि 'अब हम टीकाकरण अभियान को हर घर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। 'हर घर दस्तक' के मंत्र के साथ, हर दरवाजे पर दस्तक', वैक्सीन की दोहरी खुराक के सुरक्षा जाल से वंचित हर घर से संपर्क किया जाएगा।' प्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और कम टीकाकरण कवरेज वाले जिलों वाले एवं अन्य राज्यों के 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की।
सूक्ष्म रणनीति विकसित करें अधिकारी-पीएम
पीएम ने कहा कि सभी अधिकारियों से कहा कि उनकी कोशिश साल के अंत तक अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार करने और नए साल में नए आत्मविश्वास और आत्मविश्वास के साथ प्रवेश करने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर कमियों को दूर करके टीकाकरण की संतृप्ति के लिए अब तक के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रणनीति विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'आपको अपने जिलों को राष्ट्रीय औसत के करीब ले जाने की पूरी कोशिश करनी होगी। आप स्थानीय धार्मिक नेताओं से अधिक मदद ले सकते हैं। हमेशा सभी धर्मों के नेताओं को टीकाकरण के महान समर्थक मिले हैं। आपको उन लोगों से संपर्क करना होगा जिन्होंने प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय के बावजूद दूसरी खुराक नहीं ली है।'
'रफ्तार के लिए नए तरीके करें विकसित'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे, नए तरीके आजमाए। आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा। अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो तो वो भी बनाइए। आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं। जो टीमें आपने बनाई हों, उनमें एक कम्प्टीशन हो, इसका भी प्रयास कर सकते हैं। अभी कुछ दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस जी से भी मुलाकात हुई थी। वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा।