- सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में फरियादी बनकर पहुंचा था पॉक्सो ऐक्ट का मुजरिम
- वहां मौजूद बच्चियों ने फरियादी की करतूत की उजागर, सीएम ने तुरंत कराया अरेस्ट
- सीएम योगी ने बच्चियों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन को दिए आदेश
गोरखपुर: फरियादी बनकर सीएम के दरबार में शिकायत करना एक शख्स को ऐसा भारी पड़ा कि उसे जेल की हवा खानी पड़ी। दरअसल सीएम योगी जब भी गोरखपुर का दौरा करते हैं तो जनता दरबार जरूर लगाते हैं। बुधवार को भी लखनऊ लौटने से पहले सीएम ने जनता दरबार लगाकर लोगों की शिकायतें सुनी और इसी दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिससे हर कोई हैरान था।
गुलरिहा से आए रामनारायण गुप्ता ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि उसने एक मकान खरीदा है लेकिन पुलिस उस पर कब्जा नहीं करने दे रही है और उल्टा उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा रही है। इतना सुनकर योगी नाराज हो गए और वहां उपस्थित पुलिस अधिकारियों से मामले पर संज्ञान लेने को कहा। इसके बाद जब पुलिस अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा यह शिकायत सही नहीं है।
बच्चियों ने खोली पोल
जैसे ही सीएम शिकायत सुनने आगे बढ़े तो दो बच्चियां रोने लगी और रामनारायण गुप्ता, जिसने मकान पर कब्जा नहीं होने का आरोप लगाया था उसकी तरफ इशारा करते हुए बोलीं कि इस शख्स ने धोखे से उनका मकान अपने नाम करा लिया है और अब उन्हें घर से निकालना चाहता है। बच्चियों ने आरोप लगाया कि आरोपी गुप्ता ने उनके साथ छेड़छाड़ भी की है। इतना सुनते ही योगी भड़क गए और अधिकारियों से पूछा कि पॉक्सो एक्ट का मुजरिम यहां कैसे यहां पहुंचा। इसके बाद जब आरोपी वहां से भागने लगा तो पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया की बच्चियों की हरसंभव मदद की जाए। सीएम के तुरंत आदेश के बाद जनता दरबार में आए लोग भी दहशत में आ गए और कई लोग तो बिना मुख्यमंत्री से बिना ही चुपचाप वहां से निकल लिए।
क्या था मामला
दरअसल इन बच्चियों के पिता ने 6 साल पहले पत्नी के अवैध संबंधों के चलते आत्महत्या कर ली थी और बाद में पत्नी के एक प्रेमी की भी मौत हो गई। इसके बाद बच्चियों की मां के एक और शख्स प्रदीप थापा के साथ प्रेम संबंध बन गए और वह उसके साथ चले गई। कुछ समय पहले उसने प्रेमी प्रदीप के साथ उस घर को बेचने का फैसला कर लिया जहां बच्चियां रहती थीं। इसके बाद महिला ने रामनारायण गुप्ता को मकान तीन लाख से ज्यादा की कीमत पर बेच दिया। इसके बाद रामनारायण अन्य लोगों के साथ घर पर कब्जा करने भी पहुंचा लेकिन गांव के प्रधान ने पुलिस में शिकायत कर दी और वो कब्जा करने में सफल नहीं हो सका।