- जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से ही सीडीएस का पद खाली है।
- सीडीएस सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है।
- नए नियम आने के बाद ऐसी संभावना है कि सरकार जल्द ही नए सीडीएस का ऐलान कर सकती है।
Who will be the Next CDS: देश के पहले Chief of Defence Staff (CDS) जनरल बिपिन रावत की मौत (8 दिसंबर) के करीब छह महीने बाद, सरकार ने नए सीडीएस की नियुक्ति के लिए नियमों में अहम बदलाव कर दिया है। नियमों में बदलाव से साफ है कि अब सरकार न केवल जल्द से जल्द नए सीडीएस का नियुक्ति करना चाहती है बल्कि उसके लिए ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों को परखना भी चाहती है। इसीलिए सरकार ने नए नियमों के तहत सेवारत अथवा रिटायर हो चुके थ्री स्टार ऑफिसर को भी इस पद के लिए योग्यता की शर्तों में शामिल कर लिया है। अभी तक सीडीएस के लिए चार स्टार ऑफिसर ही पात्र थे। इसके अलावा जो एक और अहम बदलाव किया गया है कि इस पद के लिए अधिकतम उम्र सीमा 62 वर्ष कर दी गई है। और नियुक्ति के बाद व्यक्ति 65 वर्ष की उम्र तक सीडीएस के पद पर रह सकेगा।
क्या थ्री स्टार जनरल होगा नया सीडीएस
नए नियमों को देखा जाय तो ऐसा लगता है कि देश को दूसरा सीडीएस थ्री स्टार ऑफिसर के रूप में मिल सकता है। क्योंकि अब थल सेना, नौ सेना और वायु सेना से रिटायर हो चुके पूर्व प्रमुख सीडीएस की रेस से बाहर हो गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सेना के तीनों प्रमुख 62 साल की उम्र में रिटायर हो जाते है। ऐसे में इस रेस में हाल ही में रिटायर हुए थल सेना प्रमुख एम.एम.नरवणे ,एडमिरल करम बीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया इस रेस से बाहर हो गए हैं।
नए नियम के आधार पर थ्री स्टार जनरल यानी आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल, एयरफोर्स में एयर मार्शल और नेवी में वाइस एडमिरल अब सीडीएस पद के लिए पात्र हो गए हैं। इसके अलावा अगर कोई थ्री स्टार लेफ्टिनेंट जनरल,एयर मार्शल और वाइस एडमिरल रिटायर हो गया है और उसकी उम्र 62 साल से कम है। तो वह भी सीडीएस के लिए पात्र हो जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेफ्टिनेंट जनरल,एयर मार्शल और वाइस एडमिरल 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। सरकार ने जिस तरह नए नियमों में उम्र की सीमा घटाई है और रिटायर आधिकारियों को भी पात्रता शर्त में शामिल किया है। उससे लगता है कि कोई थ्री स्टार ऑफिसर देश का दूसरा सीडीएस बन सकता है। हालांकि सरकार के तरफ से अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है।
मौजूदा तीनों सेना प्रमुख भी पात्र
चूंकि देश के तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं। ऐसे में नए नियमों के अनुसार थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी और नौ सेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार भी सीडीएस के लिए पात्र हो गए हैं। हालांकि थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बीते 30 अप्रैल को ही पदभार संभाला है, ऐसे में उनके सीडीएस बनने की संभावना कम नजर आती है। इसी तरह एक तर्क यह भी है कि अगर सरकार को मौजूदा सेना प्रमुखों में से किसी को सीडीएस नियुक्त करना होता, तो वह नियमों में बदलाव किए बिना भी नियुक्ति कर सकती थी।
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क्या काम करता है सीडीएस
देश में पहली बार सीडीएस पद पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति हुई थी। वह एक जनवरी 2020 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बनाए गए थे। सीडीएस सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है। उसके पास स्पेस और साइबर कमांड का भी जिम्मा होता है। इसी तरह बदलते दौर में आगे की लड़ाई में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री को एक सिंगल प्वाइंट सलाह की जरूरत होगी। तो वह काम सीडीएस का है, जो सभी सेना प्रमुखों से सभी विकल्पों पर चर्चा कर बेस्ट सलाह देगा।
इसी कड़ी में जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को किस तरह एक डायरेक्शन में लेकर चला जाय। इसके लिए उन्होंने ज्वाइंटनेंस पर फोकस किया। इसमें ट्रेनिंग से लेकर सभी पहलुओं पर फोकस किया गया। बजट का बेहतर इस्तेमाल कैसे हो, इसके लिए फाइनेंशियन प्लानिंग पर जोर दिया । बर्बादी (वेस्टेज) को रोकने पर भी उनका फोकस रहा है। जिसमें संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल हो सके। इसके अलावा मिलिट्री-सिविल फ्यूजन पर भी उनका जोर रहा। और नए सीडीएस भी इसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। इसके अलावा थिएटर कमान अमलीजामा पहुंचाने की जिम्मेदारी भी नए सीडीएस की होगी।