- कोविड-19 मरीजों की स्थिति को तीन भागों (हल्के, मध्यम और गंभीर) में बांटा गया
- सरकार ने दी सलाह कि किन परिस्थितियों में पड़ सकती है अस्पताल की जरूरत
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में जारी किए विस्तृत दिशा निर्देश
नई दिल्ली: देश में कोविड -19 स्थिति को देखते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वयस्क कोविड -19 रोगियों के प्रबंधन के लिए संशोधित नैदानिक दिशानिर्देश जारी किए हैं। संशोधित गाइडलाइन में तीन प्रकार के मरीजों माइल्ड, माडरेट और गंभीर श्रेणी के मरीजों को शामिल किया गया है। ऐसे रोगियों को सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखने, हाथों की अच्छी स्वच्छता का पालन करने और घर के अंदर मास्क पहनने की भी सलाह दी गई है।
हल्के लक्षण वाले
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि हल्के लक्षण वाले कोविड रोगियों को केवल तभी चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए, जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो, या तेज बुखार हो या 5 दिनों से अधिक समय तक चलने वाली गंभीर खांसी हो। ऐसे रोगियों को घर पर आइसोलेशन का पालन करना आवश्यक है। इसके अलावा सैनिटाइज का प्रयोग करने और बार बार हाथ धोने की सलाह दी गई है।
मध्यम कोविड रोगी
मध्यम कोविड लक्षणों वाले लोगों, जैसे कि डिस्पेनिया या एसपी02 का स्तर 90 से 93% के बीच, को कोविड के इलाज के लिए क्लिनिकल वार्ड में भर्ती किया जा सकता है। ऐसे रोगियों को संशोधित सिफारिशों के अनुसार ऑक्सीजन सहायता प्रदान की जानी चाहिए। सभी रोगियों को जिन्हें ऑक्सीजन उपचार की आवश्यकता है, उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
गंभीर कोविड रोग
जिन कोविड रोगियों का आक्सीजन लेवल 90 से कम है। इनकों आइसीयू में भर्ती कराया जाना चाहिए। ऐसे रोगियों को वेंटीलेशन पर रखा जाना चाहिए। यदि सांस लेने में दिक्कत आ रही है तो ऑक्सीजन की बढ़ती मांग वाले रोगियों में एनआईवी (उपलब्धता के आधार पर हेलमेट या फेस मास्क इंटरफेस) लगाया जाना चाहिए। अन्य उपचारों में 5 से 10 दिनों के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (इंजेक्शन मिथाइलप्रेडनिसोलोन 1 से 2mg/kg IV दो भागों में खुराक या डेक्सामेथासोन के बराबर खुराक) शामिल हैं।
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