नई दिल्ली : विधि एवं न्याय मंत्रालय से आधिकारिक पत्र मिलने के बाद अब प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एन. वी. रमण अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की प्रक्रिया शुरू करने वाले हैं। बुधवार को उनके कार्यालय को मंत्रालय का यह पत्र मिला। न्यायमूर्ति रमण ने 24 अप्रैल, 2021 को देश के 48 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला था। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति एस ए बोवड़े की जगह ली थी। वह 16 महीने बाद अब 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
कानून मंत्री किरण रीजीजू ने लिखा पत्र
मीडिया में पहले यह अटकलें आयी थीं कि कुछ दिनों पहले कानून मंत्री किरण रीजीजू के कार्यालय से प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को अगले सीजेआई के संबंध में एक आधिकारिक पत्र भेजा गया है। अब प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह पत्र बुधवार को मिला। अधिकारी ने कहा, ‘आज तीन अगस्त, 2022 को लगभग साढ़े नौ बजे भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश के सचिवालय को माननीय कानून एवं न्याय मंत्री द्वारा तीन अगस्त, 2022 को लिखा गया एक पत्र मिला जिसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया गया है।’
जजों के वरिष्ठता क्रम में दूसरे स्थान पर हैं जस्टिस ललित
तय परंपरा के अनुसार, सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करते हैं। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति रमण के बाद दूसरे स्थान पर हैं। उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत, निवर्तमान सीजेआई कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं। न्यायमूर्ति ललित यदि अगले सीजेआई नियुक्त होते हैं, तो उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।