- मुख्यमंत्री रूपाणी के मामा के लड़के अनिलभाई सांघवी को सांस लेने में दिक्कत हुई
- एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन वो देरी से पहुंची, सिंघवी की मौत घर पर ही हो गई
- प्राथमिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एंबुलेंस अन्य जगह पर पहुंच गयी थी
अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने बुधवार को उस मामले में जांच का आदेश दिया, जहां 4 अक्टूबर को राजकोट में देरी से पहुंची एंबुलेंस मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के रिश्तेदार की मौत का कारण बनी। मामला तब सामने आया जब रूपानी मंगलवार को अपने मामा के बेटे अनिलभाई संघवी को श्रद्धांजलि देने गए।
सांस फूलने की शिकायत के बाद 4 अक्टूबर को संघवी का निधन हो गया। मृतक के परिवार के सदस्यों ने एंबुलेंस के देरी से आने के बारे में मंगलवार को मुख्यमंत्री से शिकायत की। बताया जाता है कि 108 एंबुलेंस 41 मिनट देरी से पहुंची।
एक बीजेपी नेता ने कहा, 'हमें पता चला कि 4 अक्टूबर को संघवी को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत के बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को बुलाया था। यह आरोप लगाया गया कि जब तक एंबुलेंस उनके घर पहुंची तब तक संघवी की मौत हो चुकी थी।'
राजकोट के जिला कलेक्टर रेम्या मोहन ने बुधवार को कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आरोप की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी घटना की जांच का आदेश दिया गया है। हम भी लूप में हैं। जांच स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक द्वारा की जा रही है। इस बीच, 108 सेवा के जिला समन्वयक ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।'
मोहन ने कहा, 'प्रारंभिक जानकारी के आधार पर सिस्टम में गलत लैंडमार्क फीड होने के कारण एंबुलेंस गंतव्य पर देरी से पहुंची। 108 पर कॉल किया गया था, लेकिन जो लैंडमार्क था, वह मोदी स्कूल था। वास्तविक स्थान विजय मोदी स्कूल के पास था। एंबुलेंस राजकोट के पास इस्वरिया गांव में गई जहां मोदी स्कूल स्थित है और इस कारण गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई।'
राजकोट कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉल आने के बाद एंबुलेंस छह मिनट के भीतर चली गई और उन्होंने उचित पते के लिए 13 बार कॉल किया, लेकिन लैंडलाइन फोन लगातार व्यस्त था जिससे और देरी हुई। जल्द ही अंतिम जांच रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।