- ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की मांग, वाराणसी जिला जज की कोर्ट में आज सुनवाई
- स्वामी अविमुक्तेश्वर आनंद को प्रशासन ने पूजा करने की नहीं दी अनुमति
- पूजा करने की मांग पर अड़े स्वामी अन्न-जल त्याग कर अनशन पर बैठे
Gyanvapi case: ज्ञानवापी परिसर को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के बीच साधु संतों के परिसर में पूजा करने की मांग तेज हो गई है।आज इस मामले पर वाराणसी जिला जज की कोर्ट में सुनवाई भी होनी है। दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई होगी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने को अड़े हुए हैं। उन्होने ज्ञानवापी परिसर में पूजा का ऐलान किया था और कल परिसर जाने की कोशिश भी की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया।पूजा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वर आनंद केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ में अन्न-जल त्याग कर अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने ही जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर पूजा पाठ की अनुमति की मांग की है।
पूजा की मांग पर अड़े स्वामी
वाराणसी जिला कोर्ट में आज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर अहम सुनवाई होनी है। स्वामी जी ने अपनी याचिका में मांग की है कि ज्ञानवापी में जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है उसके दर्शन-पूजन करने की इजाजत मिले। हालांकि गर्मी की छुट्टी की वजह से कोर्ट बंद है लेकिन याचिका को अति आवश्यक श्रेणी में रखकर सुनवाई की इजाजत ली गई है।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की जिस याचिका पर सुनवाई होनी है उसमें मांग की गई है कि आदि विश्वेश्वर को भोग चढ़ाने की अनुमति मिले, इसके लिए कोर्ट ज्ञानवापी में पूजन-अर्चन की इजाजत दे और याचिका को अर्जेंट नेचर यानी अति आवश्यक मानते हुए सुनवाई हो।
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सड़क पर भी लड़ाई
इस बीच कोर्ट के साथ-साथ स्वामी जी इसकी लड़ाई सड़क पर भी लड़ रहे हैं। ज्ञानवापी में पूजा की मांग पर अड़े स्वामी जी शनिवार से अनशन पर हैं।उन्होंने अन्न जल का त्याग रखा है जिससे उनके स्वास्थ्य में भी गिरावट आ रही है लेकिन वो पूजा की मांग पर अड़े हुए हैं। माना जा रहा है अविमुक्तेश्वरानंद के इस अनशन और उनके मांग के समर्थन में कुछ और बड़े संत आगे आ सकते हैं। इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महन्त डॉ कुलपति तिवारी ने भी ज्ञानवापी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने 15 जून के बाद शिव कारसेवा का आह्वान किया है जिसके तहत अस्सी से लेकर वरुणा तक डमरू दल और शिव भक्तों के साथ नाव पर कारसेवा की शुरुआत की जाएगी।उन्होंने कहा कि,कारसेवा ललिता घाट पर पहुंचने के बाद जल लेकर आदि विश्वेश्वर मंदिर पर चढ़ाकर विधि विधान से उनकी पूजा करेंगे।
31 मई को हुई थी सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर वाराणसी के जिला जज की अदालत में 31 मई को सुनवाई हुई थी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलों में पूरे मामले को खारिज करने मांग की थी. मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे पर भी आपत्तियां दर्ज कराई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 4 जुलाई तक टाल दिया था लेकिन अब साधु-संतों की पूजा की नई मांग को लेकर आज इसपर अहम सुनवाई होगी।
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