नई दिल्ली: ज्ञान वापी मस्जिद में फव्वारा है या शिवलिंग इस बात पर बहस छिड़ गई है । क्या मस्जिदों में वजूखाने में कोई हौज या फव्वारा जैसा कोई कांसेप्ट होता है ये जानने के लिए हम लखनऊ की शाही ईदगाह मस्जिद पहुंचे । यहां मस्जिद के पिछले हिस्से में वजू खाना बनाया हुआ है लेकिन यहां न कोई तालाब दिखा न ही कोई हौज जैसा कुंड ही यहां नजर आया यहां कोई फव्वारा भी नही था, शाही मस्जिद में वजू खाने में टैब लगाकर नमाज से पहले वजू की व्यवस्था की गई है ।
लखनऊ शहर में ज्यादातर मस्जिदों में वजू के लिए टैब लगाकर व्यवस्था की हुई है । वजू खाने में फव्वारा लगा हो ऐसी कोई मस्जिद लखनऊ में नहीं हैं।
ज्ञानव्यापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ में बीते 1000 सालों का Timeline
शिया धर्म गुरु मौलाना यासूब बताते है कि पुराने दौर में मस्जिदों में छोटे छोटे तालाब जैसे हौज बनाए जाते थे जहा लोग वजू करते थे । कुछ जगह इन तालाबों में पानी को साफ करने के लिए फुव्वारा लगाया जाता था ताकि पानी फिल्टर हो सके।
मौलाना यासूब के हिसाब से मुंबई सहित कई पुराने शहरो में ऐसी मस्जिदें हो सकती है जहा फव्वारा हो । लखनऊ के ही मौलाना इमरान हसन का कहना है कि मस्जिदों में बड़ी संख्या में नमाजी पहुंचते है ऐसे में वजू के लिए बड़ी जगह का इस्तेमाल होता है ताकि एक साथ कई लोग वजू कर सके।