- कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ते देख उत्तराखंड में शनिवार-रविवार को लॉकडाउन लागू किया गया है
- हरिद्वार में भी बॉर्डर सील कर दिया गय है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवती अमावस्या के अवसर पर जुटते रहे हैं
- हालांकि इस बार वे कोरोना वारयस संक्रमण और बॉर्डर सील होने की वजह से गंगा में डुबकी नहीं लगा सकेंगे
हरिद्वार : उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में जहां शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का ऐलान किया गया है, वहीं हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर दूसरों राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं। इसकी वजह से श्रद्धालु अब सोमवती अमावस्या के अवसर पर हरिद्वार के घाटों पर पवित्र स्नान नहीं कर सकेंगे।
हरिद्वार की सीमा सील
हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अवूदई के राज ने जिले की सीमाएं सील करने की जानकारी दी। हरिद्वार की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है। उन्होंने बताया कि यहां सीमाएं शनिवार (18 जुलाई) से लेकर सोमवार (20 जुलाई) तक सील रहेंगी। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को हरिद्वार की पवित्र नदियों व घाटों पर सोमवती अमावस्या को स्नान की अनुमति नहीं होगी।
उत्तराखंड में दो दिनों का लॉकडाउन
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए चार बडे़ जिलों- देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन की घोषणा की। हालांकि इस दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहने की बात कही गई। इस लॉकडाउन के दौरान हालांकि बड़े उद्योगों पर असर नहीं होगा। हवाई जहाज और रेलगाडियों से आ रहे लोगों को भी गंतव्य तक जाने से नहीं रोका जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढते मामलों को देखते हुए यहां शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का फैसला लिया गया है। गुरुवार को यहां अचानक 200 मामले आ गए, जो देर रात तक और बढ़ गए। ऐसे में अंतराल बनाने और संक्रमण चक्र को तोड़ना बेहद आवश्यक हो गया है। इसके अतिरिक्त इन दो दिनों के लॉकडाउन में जगह-जगह सैनिटाइजेशन का काम भी हो सकेगा।