- गत 14 सितंबर को दलित लड़की के साथ चार युवकों ने कथित रूप से किया सामूहिक बलात्कार
- दिल्ली में इलाज के दौरान 19 वर्षीया लड़की की मौत हो गई जिसके बाद लोगों में आक्रोश दिखा
- याचिकाओं में दलील दी गई है कि कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा मंगलवार को कुछ याचिकाओं पर फैसला सुनाए जाने की संभावना है, जिनमें हाथरस मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को दिल्ली स्थानांतरित कराने का अनुरोध किया गया है। हाथरस में एक दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।
कोर्ट ने 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गई।
29 सितंबर को पीड़ित लड़की की मौत हुई
पीड़त परिवार की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया जाए। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चार सवर्णों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गयी। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी।